चेक पोस्ट घोटाला गंभीर मसला, देखें जांच एजेंसियां इसे कहां खत्म करती हैं, भोपाल (ईएमएस)। परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके दो सहयोगी शरद जायसवाल, चेतन सिंह गौर को लोकायुक्त कोर्ट ने 17 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। ईडी आरोपियों से पूछताछ कर रही है। इस मामले में पूर्व सीएम उमा भारती ने अब असल आरोपियों को पकडक़र सजा दिलाने की मांग की है। पूर्व सीएम उमा भारती ने ट्वीट कर लिखा कि चेक पोस्ट घोटाले के आरोपी पकड़े गए हैं। अगर जांच में कहीं यह साबित होता है कि इन्होंने अकेले ही यह घोटाले किए हैं तो फिर गहराई में जाने पर यह घोटाला एक गंभीर मसला हो सकता है। जांच एजेंसियों के लिए परीक्षा की घड़ी उमा भारती ने लिखा- जांच एजेंसियां की दक्षता एवं निष्पक्षता पर लोगों को विश्वास है। अब उन जांच एजेंसियों के लिये यह परीक्षा की घड़ी है कि वह यह बात यहीं खत्म कर देते हैं या गहराई में जाकर असली महा अपराधियों को पकड़ कर, प्रमाण जुटा कर उन्हें कठोरतम दंड दिला लेते हैं। नेता प्रतिपक्ष बोले- खोदा पहाड़ निकली चुहिया सौरभ शर्मा के मामले पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा-सौरभ शर्मा मामले में लग रहा है कि खोदा पहाड़ और निकली चुहिया। बड़े मगरमच्छ कहाँ गए ? जांच में इतनी चीजें सामने आईं उसपर संज्ञान क्यों नही लिया जा रहा है? क्या इसमें मंत्री इन्वॉल्व नहीं है ? इसकी जांच करनी चाहिए। सरकार इतने घोटाले कर रही है कि वो चाहती ही नहीं कि सदन में श्वेतपत्र और लोकायुक्त प्रतिवेदन चर्चा में आए। बुआ जी, आपके साहस को प्रणाम! जैसा आपने कहा था कि सौरभ शर्मा तो केंचुआ है, अभी तक अजगर पकड़ में नहीं आया है। जैसे-जैसे इस गहराई में उतरेंगे, वैसे-वैसे महा-अपराधी सतह पर आते जाएंगे। तत्कालीन परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह जी द्वारा इस भ्रष्टाचार के केंचुए को जन्म दिया गया था और इसके प्रमाण भी मैंने सार्वजनिक किए थे। लेकिन अब तक उनके ऊपर जांच एजेंसी द्वारा कोई भी अपराध दर्ज नहीं किया गया है। वहीं अब तो भ्रष्टाचार की गठरी का मुंह बांधने की तैयारी पूरी हो चुकी है। बस आखिरी गांठ कसने की देरी है, ताकि बड़े चेहरों को बचाया जा सके। आपसे आग्रह है कि मध्य प्रदेश की सरकार को समझाएं कि जांच तभी साकार होगी जब सौरभ शर्मा को परिवहन विभाग में लाने वाले अजगरों पर कार्यवाही की जाएगी! अगर सच में इस मामले की गहराई में जाकर जांच करनी है, तो शुरुआत वहीं से होनी चाहिए जहां से सौरभ शर्मा की फर्जी अनुकंपा नियुक्ति हुई। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी के आश्रित को परिवहन विभाग में किसने और कैसे नियुक्त किया? जांच की असली गहराई वहीं है! वहीं मुख्यमंत्री जी, आपसे भी सवाल ये है कि इस पाप के भागीदारों को बचाने के लिए आप खुद क्यों भागीदार बन रहे हैं? विनोद/ 5 फरवरी /2025