नई दिल्ली (ईएमएस)। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने दिल्ली वोटिंग के बीच अरविंद केजरीवाल को लेकर कहा कि जब मुझे उसके स्वार्थी होने का एहसास हुआ तो मैंने उसे छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि हमने साथ में शराब के खिलाफ आंदोलन किया था, लेकिन आज वो इसी के बारे में बात करता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आज वोटिंग का दिन है। ऐसे में भ्रष्ट्राचार विरोधी आंदोलन की आवाज अन्ना हजारे ने आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल के लिए कहा कि शुरुवात में केजरीवाल की नियत साफ थी लेकिन, मुझे जब पता चला वो स्वार्थी है तब मैं उससे दूर हो गया। उसने पार्टी बना ली और जिस शराब के खिलाफ हमने आंदोलन किया आज वही केजरीवाल शराब की बात करता है। इसलिए मैंने उसे छोड़ दिया। अब चुनाव में शुद्ध आचार, शुद्ध विचार, जीवन में त्याग करने वाले उम्मीदवार को ही वोटिंग करने से ही देश बदलेगा। अन्ना हजारे ने कहा कि शुरू-शुरू में ये मेरे साथ आ गया था। उस समय पर अरविंद केजरीवाल की नियत बिल्कुल साफ थी। साथ ही उनमें सामाजिक राजनीतिक दृष्टिकोण भी था। तो मेरे मन में विचार आया कि ये अच्छा कार्यकर्ता है। इसी वजह से मैंने उसे अपने साथ किया, लेकिन पक्ष और पार्टी जब निकाला तबसे मैंने उसका साथ छोड़ दिया। अन्ना हजारे ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जब मुझे इसके स्वार्थी होने का पता चला तो मैंने इससे पूरी तरह से दूरी बना ली। जो लोग कहते हैं कि अन्ना की वजह से आ गया, ये बिल्कुल गलत है, क्योंकि इनके बारे में सही बातें पता चलने पर मैंने इन्हें छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि आज पक्ष और पार्टी किसी से पैसा लेना या किसी से पैसा लेकर वोटिंग करना।रिश्तेदार या जान पहचान सोचकर जो वोटिंग करते हैं, इससे देश बर्बाद हो जाएगा। बल्कि जो भी प्रत्याशी है, उसके आचार-विचार कैसे हैं, उसका चरित्र कैसा है? उसका जीवन कैसा है, क्या निश्कलंक या त्यागी है? ये सभी कुछ देखकर ही वोट देना चाहिए। क्या प्रत्याशी में त्याग की भावना है, या वो किसी से रिश्वत नहीं लेता है। जो देश और समाज के बारे में सोचता है, ऐसे प्रत्याशी को चुनना चाहिए। ऐसा करने पर ही देश में बदलाव होगा अन्यथा कोई भी बदलाव नहीं होने वाला है। अजीत झा /देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/05/फरवरी /2025