05-Feb-2025
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ढाका(ईएमएस)। बांग्लादेश हाईकोर्ट ने मोहम्मद यूनुस सरकार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया और स्पष्टीकरण मांगा कि चिन्मय कृष्ण दास को जमानत क्यों नहीं दी जानी चाहिए। चिन्मय की तरफ से कोर्ट में पेश वकील ने यह जानकारी दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक एक बयान में दास के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने कहा, बांग्लादेश हाईकोर्ट ने सरकार से दो सप्ताह के भीतर फैसले पर जवाब देने को कहा है। चटगांव अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद उनकी कानूनी टीम ने 12 जनवरी को हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। भट्टाचार्य ने कहा कि मामले की सुनवाई लंबित मामलों के क्रम के अनुसार आगे बढ़ेगी और उम्मीद जताई कि इसकी सुनवाई अगले सप्ताह होगी क्योंकि हाईकोर्ट केवल रविवार और सोमवार को मामलों की सुनवाई करता है। चटगांव में सुनवाई कड़ी सुरक्षा के बीच हुई, जिसमें सरकार की अगुवाई मेट्रोपॉलिटन पब्लिक प्रॉसिक्यूटर एडवोकेट मोफिजुर हक भुइयां ने किया। इस्कॉन के पूर्व नेता चिन्मय कृष्ण दास कानूनी कार्यवाही जारी रहने के कारण हिरासत में हैं। बता दें कि इससे पहले 11 दिसंबर को एक बांग्लादेश की एक अदालत ने दास की प्रारंभिक जमानत याचिका को प्रक्रिया में खामी के कारण खारिज कर दिया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, वैध पावर ऑफ अटॉर्नी और वकील की उपस्थिति की कमी के कारण याचिका खारिज की गई थी। मामले ने तब नया मोड़ ले लिया जब दास के वकीलों में से एक सुभाशीष शर्मा सुरक्षा कारणों से 3 दिसंबर की सुनवाई में शामिल नहीं हो सके थे। 25 नवंबर को हुए थे गिरफ्तार बांग्लादेश सम्मिलि सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान को लेकर देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 2 जनवरी को चटगांव की एक निचली अदालत द्वारा उनकी याचिका खारिज किए जाने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी। दास को पिछले साल 25 नवंबर को ढाका हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। वीरेंद्र/ईएमएस/05फरवरी2025