क्षेत्रीय
05-Feb-2025
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जगदलपुर(ईएमएस)। जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में स्थित अधिवक्ता संघ के ग्रंथालय कक्ष में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कलिंग विश्वविद्यालय के विपणन संस्था सदस्य की उपस्थिति में बस्तर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अरुण दास, उपाध्यक्ष हेलेना मैसेज, पूर्व अध्यक्ष अरुण ठाकुर, दिनेश पाणिग्रही, वरिष्ठ अधिवक्ता अशफाक खान, शकील अहमद, आनंद मिश्रा, डीएन झा सहित अन्य गणमान्य अधिवक्ता उपस्थित रहे। संगोष्ठी का उद्घाटन भाषण प्रस्तुत करने के बाद, कलिंग विश्वविद्यालय के विधि विभाग की अध्यक्ष सलोनी त्यागी श्रीवास्तव ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह नया आपराधिक कानून भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह लेता है और कानूनी प्रणाली को आधुनिक व अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बीएनएस के तहत कानूनी जागरूकता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक शिक्षा, कानूनी प्रशिक्षण, डिजिटल आउटरीच, शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में समावेश और सामुदायिक जुड़ाव पर जोर दिया। इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए पुलिस, न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं के लिए विशेष कार्यशालाएं आयोजित करने, डिजिटल केस प्रबंधन प्रणाली को अपनाने, कानूनी सहायता केंद्र स्थापित करने तथा मीडिया और सामाजिक मंचों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बीएनएस भारत की न्याय प्रणाली में दक्षता और पीड़ित-केंद्रित न्याय को बढ़ावा देगा। इसके सफल क्रियान्वयन के लिए नीति निर्माताओं, कानूनी विशेषज्ञों और नागरिकों के बीच संवाद को बढ़ावा देना आवश्यक है। संगोष्ठी में उपस्थित अधिवक्ताओं ने इस विषय पर अपने विचार रखे और बीएनएस के प्रभावी कार्यान्वयन पर चर्चा की। संगोष्ठी में बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं की भागीदारी रही, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण विषय पर गहन विचार-विमर्श किया। ईएमएस(संजय कुमार जैन)05 फरवरी 2025