राज्य
05-Feb-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली की आठवीं विधानसभा के लिए आज वोटिंग होने जा रही है। इस बार भी तीन प्रमुख पार्टियां आप, बीजेपी और कांग्रेस सभी 70 सीटों पर मैदान में हैं। हालांकि इनके अलावा कई छोटी पार्टियां और निर्दलीय भी चुनाव मैदान में हैं लेकिन दिल्ली का अतीत इस बात का गवाह है कि 2013 के अलावा हर चुनाव में दिल्ली वालों ने स्प‌ष्ट जनादेश दिया है। इस बार दिल्ली क्या जनादेश देती है, ये 8 फरवरी को पता चलेगा लेकिन इस चुनाव में तीनों ही प्रमुख दलों के लिए ये चुनाव कितना महत्वपूर्ण है, ये बता रहे हैं एनबीटी रिपोर्टर प्रशांत सोनी, राहुल आनंद और सुदामा यादव गठन के पहली बार आम आदमी पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण चुनाव है। 2013 में सबसे बड़ी और फिर लगातार दो बार ऐतिहासिक बहुमत से सत्ता में आने वाली आप को इससे पहले कभी इतनी कड़ी टक्कर नहीं मिली। ऐसे में ये चुनाव न सिर्फ पार्टी के बड़े नेताओं अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की साख बल्कि पार्टी की आगे की राह भी तय करेगा। अगर इतनी चुनौतीपूर्ण स्थिति में भी आम आदमी पार्टी भारी बहुमत साबित कर लेती है तो न सिर्फ दिल्ली में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी ये पार्टी अपनी जगह बना लेगी। दरअसल, लंबे वक्त तक पार्टी के बड़े नेताओं के जेल जाने और फिर एंटी इनकमबेंसी के बावजूद जीत मिलने के बाद पार्टी नेताओं की साख न सिर्फ दिल्ली में बढ़ेगी बल्कि इन नेताओं का रा‌ष्ट्रीय राजनीति में भी रुतबा बढ़ेगा और राष्ट्रीय गठबंधन में वे पहले से स्थापित नेताओं को भी चुनौती देने की स्थिति में आ जाएंगे। इसके अलावा पार्टी कोशिश करेगी कि पंजाब के अलावा दूसरे राज्यों में भी उसका विस्तार हो। कुल मिलाकर पार्टी के लिए आगे की राह आसान होगी। अजीत झा /देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/05/फरवरी