-नहीं आती हिंदी लेकिन पढ़ते हैं संस्कृत के श्लोक, कोई डाक्टर तो कोई है शिक्षक प्रयागराज,(ईएमएस)। प्रयागराज महाकुंभ के सेक्टर-17 में निर्मोही अनी अखाड़े से जुड़ीं साईं मां का आश्रम है। इसमें 40 से ज्यादा देशों के भक्त हैं। यहां नौ महामंडलेश्वर हैं, सभी विदेशी हैं। एक को भक्त को छोड़कर बाकी हिंदी नहीं समझते हैं, लेकिन संस्कृत के श्लोक सभी को याद हैं। इनमें अनंत ही एकमात्र ऐसे महामंडलेश्वर हैं, जो हिंदी बोलते हैं। अनंत दास महाराज का जन्म अमेरिका में हुआ है। बाकी कोई अमेरिका में डॉक्टर रहा, तो कोई जापान में टीचर है। अनंत दास कहते हैं-2010 में यूएस की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में फाइनेंस की पढ़ाई कर रहा था। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि जीवन में क्या करना है, उस वक्त मुझे एक गुरु की जरूरत थी, तभी हमें साई मां मिलीं। उनसे हमने साधना, मंत्र और सत्संग सीखा। इसके बाद हमने सनातन को अपना लिया। 2013 में प्रयागराज कुंभ में संन्यास ले लिया। अनंत 2019 में महामंडलेश्वर बनाए गए। वह अब अमेरिका नहीं जाते हैं। वाराणसी के शक्तिधाम आश्रम में ही रहते हैं। जब उनसे पूछा कि सनातन में सबसे अच्छा क्या लगा? अनंत कहते हैं, ‘सनातन के लोग लकी हैं। यहां कोई युद्ध नहीं है। सब शांति से रह सकते हैं। हमने कुंभ के बारे में पूछा तो वह कहते हैं, गंगा मइया में शक्ति है, जब हम स्नान करते हैं तो गंगा मां की शक्ति हमारे अंदर जाती है, एक नया जीवन जैसा लगता है। बता दें आश्रम को भव्य तरीके से बनाया गया है। गेट और उसके आसपास साईं मां के पोस्टर लगे हैं। जब अंदर गए तो विदेशी भक्तों का एक ग्रुप खड़ा था। थोड़ी देर बाद ही वह पूरा ग्रुप गंगा स्नान के लिए निकल गया। इस दौरान हमने साईं मां और आश्रम के बारे में वहां के लोगों से बात की। साईं मां का पूरा नाम मीराबाई सर्वानंदमयी लक्ष्मी देवी साईं मां मिश्रा है। उनका जन्म मॉरीशस में हुआ था। परवरिश फ्रांस में हुई और अब अमेरिका में रहती हैं। वह विष्णु-स्वामी वंश के अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े से जुड़ी हैं। 2019 में साईं मां ने 9 विदेशी शिष्यों को अपने निर्मोही अनी अखाड़े से महामंडलेश्वर बनाया था। इसमें 3 महिला और 6 पुरुष हैं। सिराज/ईएमएस 05 फरवरी 2025