ज़रा हटके
05-Feb-2025
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चमड़ा उद्योग के लिए वरदान साबित होगा मगरमच्छ पालन इस्लामाबाद (ईएमएस)। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सबसे गर्म जिलों में से एक जैकोबाबाद में एक अनोखा और नया बिजनेस शुरू हुआ है। इस पहल का मकसद पाकिस्तान के चमड़ा उद्योग और नई दिशा देना है। जैकोबाबाद के पास स्थित भंभोर फार्महाउस में मगरमच्छ पालन फार्म की शुरुआत की गई है, जहां ये खतरनाक रेंगने वाले जानवर आजादी से घूम रहे हैं। जैकोबाबाद में मगरमच्छ फार्म के इकोसिस्टम का एक अहम हिस्सा बने हैं। स्थानीय जमींदार की ओर से शुरू किए गए फार्म को पाकिस्तान में मगरमच्छ पालन का अग्रदूत माना जा रहा है, जिसका मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की पहचान बनाना है। फार्म के मालिक के अनुसार, मगरमच्छों को तैयार होने में करीब पांच साल का समय जाता है, और उनकी लंबाई 21 फीट तक हो सकती है, जबकि उनका वजन करीब एक टन होता है। दरअसल मगरमच्छों की खाल का इस्तेमाल मुख्य रूप से लक्जरी चमड़े के उत्पाद जैसे हैंडबैग, जूते, और बेल्ट बनाने में होता है। इस उद्योग की वैश्विक मांग को देखकर पाकिस्तान में मगरमच्छ पालन का यह कदम आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित होगा। फार्म के मालिक ने कहा, हम मगरमच्छों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार पेशेवर ढंग से बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, ताकि उनकी खालों की गुणवत्ता को शीर्ष स्तर पर रखा जा सके। फिलहाल, फार्म में 10 मगरमच्छों का आयात किया गया है, लेकिन फार्म के मालिक को उम्मीद है कि एक बार जब मगरमच्छ अंडे देना शुरू करेगा, तब उनकी संख्या तेजी से बढ़ेगी। मगरमच्छ पालन और पर्यटन मगरमच्छों के इस फार्म को न केवल चमड़ा उद्योग के लिए बल्कि पर्यटन के लिए भी महत्वपूर्ण केंद्र मना जा रहा है। पर्यटक इन अद्वितीय सरीसृपों को करीब से देखने के लिए इस फार्म की ओर आकर्षित होने है। जिससे स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटक गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है। आशीष/ईएमएस 05 फरवरी 2025