क्षेत्रीय
04-Feb-2025


उपलब्धि : डॉक्टरों ने किया बड़ा ऑपरेशन बालाघाट (ईएमएस). जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों ने घुटना प्रत्यारोपण की सर्जरी कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। घुटना प्रत्यारोपण अपने आप में एक बड़ी सर्जरी है। यह सर्जरी जिला अस्पताल में होना काल्पनिक सा लगता है। बावजूद इसके डॉक्टरों ने 29 जनवरी को सफलतापूर्वक घुटना प्रत्यारोपण कर दिया। बालाघाट जिला अस्पताल में घुटना प्रत्यारोपण करने का यह पहला मामला है। इस ऑपरेशन में डॉ. विनय समद, डॉ. शुभम लिल्हारे, डॉ. लोकेश वासनिक और उनकी टीम का बड़ा सहयोग रहा। जानकारी के अनुसार बगदरा के 52 वर्षीय किसान किर्तीलाल किन्द्रले पिछले 2 वर्षों से अपने जोड़ों के दर्द से परेशान थे। समय बढऩे के साथ ही दर्द बढऩे लगा था। 6 माह से अपने दाहिने घुटने के दर्द से ज्यादा परेशान हो गए थे। आयुष्मान कार्ड बना था तो खर्च की चिंता नहीं की। लेकिन बड़े अस्पताल आने-जाने का खर्च चिंता की बात थी। फिर भी रायपुर छत्तीसगढ़ के एम्स में इलाज करवाया। पूरी तरह जांच करने के बाद उन्हें रूमेटॉयड आर्थराइटिस का पता चला। यानी उनका घुटना गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके लिए घुटना प्रत्यारोपण ही आखरी इलाज बताया गया। रायपुर आने-जाने से त्रस्त हो गए थे कीर्तिराम कीर्तिराम को घुटना प्रत्यारोपण के लिए एम्स में तारीख दी गई थी। लेकिन बार-बार तारीखें बदल देने और आने-जाने में समस्या होने से त्रस्त हो गए थे। ऐसी स्थिति में 27 जनवरी को जिला अस्पताल पहुंचे। यहां एम्स की सारी रिपोर्ट देखने के बाद ऑर्थो डॉ. श्रेय जैन ने घुटना प्रत्यारोपण के बारे में बताया। उसी दिन उन्हें भर्ती कर घुटना प्रत्यारोपण के लिए आवश्यक जांच की गई। अगले दिन ऑपरेशन की तैयारी शुरू की गई। 29 जनवरी को घुटना प्रत्यारोपण किया गया। डॉ. श्रेय जैन ने बताया कि 27 जनवरी को कीर्तिराम दो लोगो के सहारे अस्पताल की सीढिय़ां भी नहं चल पा रहे थे। ऑपरेशन के अगले दिन बाद ही वे आसानी से वॉकर के सहारे चलने लगे। भानेश साकुरे / 04 फरवरी 2025