राष्ट्रीय
30-Jan-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। आजकल यूरिक एसिड की समस्या आम हो गई है। महिलाओं में खासतौर पर यह समस्या देखी जाती है । यूरिक एसिड बढ़ने से जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न भी होती है। खासकर यह समस्या ठंडी के मौसम में और ज्यादा पाई जाती है। कई बार हाई यूरिक एसिड में व्यक्ति का चलना फिरना तक मुश्किल हो जाता है ।हालांकि लोग यूरिक एसिड का इलाज करने के लिए दवाओं का सेवन करते हैं, डॉक्टर के पास चक्कर लगाते नहीं थकते है। हजारों और लाखों रुपए भी खर्च कर इस समस्या से निजात नहीं पाते हैं। यूरिक एसिड और नसों की सफाई के लिए ये कुछ खास पत्ते हैं। इन पत्तों का इस्तेमाल करने से यूरिक एसिड की समस्या और नसों में जमा गंदगी को प्रभावी ढंग से साफ हो जाती है। आयुर्वेद में कई औषधीय पौधों के बारे में बताया जाता है, जो प्राकृतिक रूप से बीमारियों को ठीक करने की क्षमता रखते हैं। इसमें पपीते, नीम, तुलसी और गिलोय के पत्ते शामिल हैं, जो यूरिक एसिड और ब्लड प्यूरिफिकेशन के लिए कारगर माने जाते हैं। पपीते के पत्तों में पपेन नामक एंजाइम होता है, जो सूजन को कम करने और डिटॉक्स करने में मदद करता है। वहीं नीम के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, यह खून को साफ करता है और जोड़ों की सूजन को कम करने में मदद करता है। गिलोय के पत्ते यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल करने और इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगर होता है। वहीं, तुलसी के पत्तों का सेवन ब्लड सर्कुलेशन को सुचारू बनाने और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है। सुदामा/ईएमएस 30 जनवरी 2025