28-Jan-2025
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:: सामूहिक प्रयासों से इन्दौर जिले को तंबाकू मुक्त बनाया जा सकता है : सिद्धार्थ जैन :: जिला स्तरीय तंबाकू नियंत्रण कार्यशाला सम्पन्न :: इन्दौर (ईएमएस)। जिला स्तरीय तंबाकू नियंत्रण कार्यशाला का आयोजन आज जिला पंचायत कार्यालय इन्दौर के सभागार में किया गया। कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायत विभाग, सामाजिक न्याय विभाग, जनजाति कल्याण विभाग एवं अन्य विभागों के अधिकारीगण शामिल हुए। कार्यशाला की अध्यक्षता मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिद्धार्थ जैन ने की। जिला नोडल अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉ. संतोष सिसोदिया ने सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों की जानकारी दी गई। सिद्धार्थ जैन ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि यदि जिंदगी चुनना है तो तंबाकू छोड़ना होगा, साथ ही किशोरों एवं युवाओं को इससे बचने के लिये समझाइश देना होगा। तंबाकू स्वास्थ्य के लिये खतरा है, इससे गंभीर बीमारियां, कैंसर, फेफड़ों संबंधी रोग, बांझपन, हृदय एवं रक्त संबंधी रोग, मस्तिष्क संबंधी रोग होता है। उन्होंने यह भी कहा कि तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु सभी विभागों को समन्वय स्थापित कर आगे बढ़ना है। इन्दौर की उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए सामूहिक प्रयासों से जिले को तंबाकू मुक्त बनाया जा सकता है। सभी विभागों को इस लक्ष्य को गंभीरता से लागू करने के लिए निर्देशित किया गया है। कार्यशाला में कार्यकारी निदेशक मध्य प्रदेश वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन मुकेश कुमार सिन्हा ने तंबाकू नियंत्रण कानून (COTPA-2003) की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करते हुए कहा कि भारत में 13 से 14 लाख लोगों की मृत्यु तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों के कारण होती है। वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण (2016-17) के अनुसार मध्य प्रदेश में 34 प्रतिशत वयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू सेवन करते हैं और वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (GYTS-2019) के अनुसार मध्य प्रदेश में 13-15 वर्ष के 3-9 प्रतिशत विद्यार्थी किसी न किसी रूप में तंबाकू सेवन करते हैं। तंबाकू समस्या को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार द्वारा तंबाकू नियंत्रण कानून सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 (COTPA 2003) बनाया गया है। इस कानून की धारा-6 के अनुसार नाबालिगों द्वारा तंबाकू उत्पाद की बिक्री दंडनीय अपराध है। शैक्षिक संस्थानों की 100 गज दूरी में किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पाद की बिक्री प्रतिबंधित है। इसी के साथ उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार की तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान गाईडलाइन्स , राज्य सरकार के आदेश एवं भारतीय तम्बाकू नियंत्रण कानून (COTPA-2003) की विभिन्न धाराओं के अनुसार जिले के समस्त शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाया जाए। इलेक्ट्रानिक सिगरेट प्रतिषेध अधिनियम, 2019 के अनुसार ई-सिगरेट पूर्णतः प्रतिबंधित है। प्रतिषेध कानून 2019 की धारा 4 के अनुसार ई-सिगरेट का उत्पादन व निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, विज्ञापन पर प्रतिषेध है। जिले में यदि कोई भी व्यक्ति प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इसमें लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ उचित दंडात्मक कार्यवाही की जा सकती है। राज्य सरकार ने हुक्का बार प्रतिबंधित किया है, यदि कोई हुक्का बार संचालित करते हुए पाया जाता है तो दंडात्मक कार्यवाही के रूप में आर्थिक हर्जाना एवं कारावास का प्रावधान है। तम्बाकू मुक्त गाँव भारत सरकार की Standard Operating Procedure-2024 के अनुसार जिले में तम्बाकू मुक्त गाँव बनाने की जानकारी सांझा की गयी । मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस. सैत्या ने राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) की जानकारी साझा करते हुए कहा कि समिति की बैठक हर तिमाही राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों के अनुसार आयोजित की जाएगी एवं जिले के समस्त विभागों के साथ समन्वय कर कार्यक्रम को सशक्त बनाया जायेगा। कार्यशाला के अंत में डॉ. संतोष सिसोदिया जिला नोडल अधिकारी तम्बाकू नियंत्रण द्वारा सभी सदस्यों एवं एम.पी.वी.एच.ए. के तकनिकी सहयोग हेतु आभार प्रदर्शन किया। उमेश/पीएम/28 जनवरी 2025