पटना (ईएमएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा बिहार की सात प्रतिष्ठित हस्तियों को पद्म पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है। इनमें लोक सेवक और आचार्य किशोर कुणाल का नाम भी शामिल है, जिन्हें मरणोपरांत पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। हालांकि, उनके परिवार ने इस सम्मान को लेकर असंतोष जताया है। आचार्य किशोर कुणाल की पत्नी अनिता कुणाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे पद्मश्री से बहुत संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि आचार्य किशोर कुणाल का योगदान पद्मश्री से कहीं अधिक है और वे भारत रत्न के हकदार थे। उन्होंने कहा, हमारे लिए गर्व का क्षण है कि उन्हें पद्मश्री दिया जा रहा है, लेकिन यह उनके योगदान के मुकाबले बहुत कम है। परिवार के इस बयान के बाद पुरस्कारों को लेकर बहस तेज हो गई है। - सांसद ने जताई खुशी इस अवसर पर सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि आचार्य किशोर कुणाल को पद्मश्री मिलना गर्व की बात है। उन्होंने कहा, यह हम सबके लिए खुशी का पल है कि सिविल सेवा के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान को मान्यता दी गई है। - बिहार की अन्य हस्तियों को भी मिला सम्मान आचार्य किशोर कुणाल के अलावा बिहार की छह अन्य प्रतिष्ठित हस्तियों को भी पद्म पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा हुई है। इनमें साहित्य, कला, समाजसेवा और चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोग शामिल हैं। - आचार्य किशोर कुणाल का योगदान आचार्य किशोर कुणाल को उनकी सिविल सेवा और धार्मिक-आध्यात्मिक योगदान के लिए जाना जाता है। वे पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवा दे चुके हैं और राम जन्मभूमि आंदोलन में भी उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है।