राष्ट्रीय
25-Jan-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। विटामिन डी हमारी हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए जरूरी होता है, साथ ही इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है, जिससे शरीर बीमारियों से बचा रहता है। इसके अलावा, यह हार्ट और ब्लड वैसल्स को भी स्वस्थ रखता है। विटामिन डी का हमारे शरीर में अहम स्थान है और इसके बिना शरीर के विभिन्न महत्वपूर्ण कार्य ठीक से नहीं हो पाते। विटामिन डी की कमी से मानसिक समस्याएं जैसे डिप्रेशन और एंग्जायटी हो सकती हैं। खासकर प्रेग्नेंट महिलाओं और मांसपेशियों के लिए यह अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। विटामिन डी का सबसे प्रमुख स्रोत सूरज की रोशनी है, लेकिन भारत जैसे देशों में जहां पर्याप्त धूप होती है, वहां भी 91 प्रतिशत लोग विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं। इसके कारण कई बार लोग सही समय पर सूर्य की रोशनी से विटामिन डी प्राप्त नहीं कर पाते हैं।अक्सर यह धारणा बन जाती है कि सुबह 7 बजे सूरज की रोशनी से सबसे ज्यादा विटामिन डी मिलता है, लेकिन यह तथ्य गलत है। सूरज का कोण इस समय धरती की ओर बहुत कम होता है, जिससे सूरज की रोशनी पृथ्वी तक पूरी तरह से नहीं पहुंच पाती। साथ ही, इस समय अल्ट्रावायलेट रेज़ भी फिल्टर हो जाती हैं, जिससे शरीर को उतना लाभ नहीं मिलता जितना होना चाहिए। इसलिए सही समय यह है कि सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच सूरज की रोशनी से विटामिन डी प्राप्त किया जाए। इस समय सूरज का कोण पृथ्वी के सीध में होता है, जिससे अधिकतम अल्ट्रावायलेट रेज़ हमारी त्वचा तक पहुंचती हैं और शरीर के लिए विटामिन डी का सिथेंसिस (उत्पादन) सबसे ज्यादा होता है। इस समय सूर्य की रोशनी शरीर को अत्यधिक नुकसान नहीं पहुंचाती और शरीर इसे आसानी से अवशोषित कर सकता है। इसलिए, विटामिन डी की कमी से बचने के लिए सुबह 10 से 12 बजे के बीच सूरज की रोशनी में कुछ समय बिताना बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। इस दौरान यदि व्यक्ति खुले स्थान पर बैठे या हल्की शारीरिक गतिविधि जैसे योग, वॉकिंग या गार्डनिंग करता है तो विटामिन डी के अवशोषण में और भी मदद मिलती है। इस दौरान शरीर के अधिकतम हिस्सों को धूप में रखना चाहिए, जैसे स्लीवलेस शर्ट और शॉर्ट्स पहनकर बाहर जाना, ताकि सूरज की रोशनी से अधिकतम लाभ उठाया जा सके। सुदामा/ईएमएस 25 जनवरी 2025