दुनिया के कई देशों की मांग ईरान को केमिकल की आपूर्ति रोकी जाए तेहरान (ईएमएस)। इजरायल के साथ मिसाइल युद्ध के बाद अब ईरान ने फिर से अपने हथियारों का जखीरा बढ़ाना शुरू किया है। ईरान को अपनी रणनीति में चीन से बड़ी मदद मिलती दिख रही है। चीन 1000 टन सोडियम पर्कलोरेट ईरान के कार्गो जहाज से भेज रहा है,जो मिसाइल ईंधन का काम करता है। बता दें कि दो जहाजों से चीन ने ईरान को ये केमिकल भेज रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक अगले कुछ सप्ताह के अंदर चीन से यह केमिकल ईरान के लिए रवाना होगा। इस रिपोर्ट में पश्चिमी देशों के खुफिया अधिकारियों के हवाले से दावा किया गया है। बताया जा रहा हैं कि चीन और ईरान दोनों को इन जहाजों के बारे में स्पष्ट चेतावनी दी गई है। ईरान के झंडे वाले जहाजों गोल्बोन और जैरान के जरिए इस केमिकल को भेजा जाएगा। 1000 टन सोडियम पर्कलोरेट से अमोनियम पर्कलोरेट बनाया जाता है जो मिसाइलों के लिए ईंधन का काम करता है। ईरान को पिछले साल मिसाइल के लिए ईंधन बनाने में बहुत समस्या का सामना करना पड़ा था। इजरायल ने अक्टूबर महीने में ईरान के लंबी दूरी के मिसाइल के फ्यूल बनाने के सामान को तबाह कर दिया था। रिपोर्ट में बताया गया कि इतने ज्यादा सोडियम पर्कलोरेट से 960 टन अमोनियम पर्कलोरेट बनाया जा सकता है। मिसाइल के ईंधन में 70 फीसदी अमोनियम पर्कलोरेट का इस्तेमाल होता है। इससे करीब 250 खेइबर शेकान या हज कसाम मिसाइलों को बनाया जा सकता है। इस केमिकल को मिसाइल तकनीक कंट्रोल प्रशासन के तहत आता है। ईरान की ये मिसाइलें मध्यम दूरी तक मार करने में सक्षम हैं और सॉलिड फ्यूल से चलती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस केमिकल को ईरानी सेना को भेजा जा रहा है। अब मांग उठ रही है कि ईरान को केमिकल की आपूर्ति को रोका जाए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस पर फोकस कर सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस केमिकल को 34 कंटेनर के द्वारा गोलबोन से भेजा जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी के शुरुआती दिनों में चीन से यह केमिकल ईरान के लिए निकल सकता है। आशीष/ईएमएस 24 जनवरी 2025