अंतर्राष्ट्रीय
24-Jan-2025
...


वॉशिंगटन(ईएमएस)। अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जन्मजात वीसा नीति में बदलाव कर पूरी दुनिया को हिला दिया है। लेकिन इसका तोड़ भारतीयों ने निकाल लिया है। 20 फरवरी से लागू होने वाले आदेश के दायरे में आने से बचने के लिए गर्भवती महिलाएं पहले ही सिजेरियन डिलेवरी कराने अस्पताल पहुंच रहीं हैं। इसमें सबसे ज्यादा भारतीय महिलाएं शामिल हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने जन्म के साथ नागरिकता के नियम को बदल दिया है। इस अमेरिकी कानून का सबसे ज्यादा फायदा भारतीय अमेरिकी उठाते थे। अमेरिका में पैदा होने वाले उनके बच्चे स्वतः अमेरिका के नागरिक बन जाते थे। इससे भारतीय अमेरिकी समुदाय काफी परेशान है। लेकिन, तात्कालिक तौर पर इस समुदाय ने इसका समाधान निकाल लिया है। वहां बीते कुछ घंटों के भीतर सिजेरियन डिलीवरी की बाढ़ आ गई है। यह स्थिति यह बताती है कि नागरिकता की समय सीमा से पहले बच्चों को जन्म देने की इच्छा बढ़ गई है। 20 फरवरी के बाद उन बच्चों को नागरिकता नहीं मिलेगी जिनके माता-पिता अस्थायी वीजा पर अमेरिका में रह रहे हैं। अखबार ने टेक्सास की गाइनकोलॉजिस्ट डॉ एसजी मुक्कला से बात की। उन्होंने कहा कि वह हमेशा दंपत्तियों से कहती हैं कि प्रीटर्म डिलीवरी मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकती है। इसमें अविकसित फेफड़े, खाना न खा पाने, कम वजन, न्यूरोलॉजिकल समस्याएं और अन्य जटिलताएं हो सकती हैं। रिपोर्ट में न्यू जर्सी के एक मेटरनिटी क्लिनिक के हवाले से कहा गया है कि बीते कुछ समय से असामान्य रूप से ज्यादा प्रीटर्म डिलीवरी के लिए अनुरोध मिल रहे हैं। इनमें से ज्यादातर कॉल करने वाली या क्लिनिक में आने वाली महिलाएं भारतीय हैं, जो आठ या नौ महीने की गर्भवती हैं और 20 फरवरी से पहले सी-सेक्शन कराने की मांग कर रही हैं। इनमें कुछ महिलाओं का प्रेग्नेंसी पीरियड काफी कम है। अखबार ने एक डॉक्टर एसडी राम के हवाले से लिखा है कि एक महिला जो केवल सात महीने की गर्भवती थी। वह पति के साथ आई और प्रीटर्म डिलीवरी के लिए अनुरोध किया। उसकी डिलीवरी मार्च में ड्यू है। अमेरिका में भारतीयों के लिए अब परेशानी बढ़ गई है। उन्हें ग्रीन कार्ड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था। अब नागरिकता का खौफ उनके सिर पर मंडराने लगा है। अमेरिका में रह रहे बहुत से भारतीय परिवारों के लिए यह समय कठिन है। इस बारे में एक भारतीय कहते हैं कि हमारे लिए नागरिकता पाने का यही एक तरीका था। वह आठ साल पहले एच-1बी वीजा पर अमेरिका आए थे। उन्होंने कहा वह छह साल से ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे थे। यह हमारे परिवार के लिए स्थिरता का एकमात्र तरीका था। अब हम अनिश्चितता से डर रहे हैं। वीरेंद्र/ईएमएस 24 जनवरी 2025