नई दिल्ली (ईएमएस)। स्पेन के यूनिवर्सिटैट ऑटोनोमा डी बार्सिलोना (यूएबी) की टीम ने पहली बार न्यूरो-इमेजिंग तकनीक का उपयोग करके महिलाओं के मस्तिष्क का विश्लेषण किया और पाया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के मस्तिष्क के 94 प्रतिशत ग्रे मैटर में बदलाव होता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के मस्तिष्क में होने वाले बदलावों को लेकर हाल ही में किए गए एक अध्ययन में कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि गर्भावस्था के दौरान मस्तिष्क के ग्रे मैटर का लगभग 5 प्रतिशत हिस्सा कम हो जाता है, जो बच्चे के जन्म के बाद आंशिक रूप से वापस आ जाता है। ये बदलाव विशेष रूप से मस्तिष्क के उन हिस्सों में होते हैं जो सामाजिक समझ (सोशल कॉग्निशन) से जुड़े होते हैं। यह शोध नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है, जिसमें उन महिलाओं को भी शामिल किया गया था जो गर्भवती नहीं थीं। इस अध्ययन में यूएबी, ग्रेगोरियो मारनोन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट और हॉस्पिटल डेल मार रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ मिलकर काम किया था। शोधकर्ताओं का कहना है कि गर्भावस्था और उसके बाद के समय में मस्तिष्क में महत्वपूर्ण बदलाव होते हैं। ये बदलाव मुख्य रूप से गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल परिवर्तनों और माताओं की मानसिक स्थिति से जुड़े हुए हैं। शोध में यह भी पाया गया कि पहली गर्भावस्था के दौरान, मस्तिष्क के ग्रे मैटर में 4.9 प्रतिशत तक कमी आ जाती है, और प्रसव के बाद यह कुछ हद तक ठीक हो जाता है। अध्यान में यह बताया गया कि मस्तिष्क के 94 प्रतिशत हिस्सों में ये परिवर्तन देखे जाते हैं, खासतौर पर सामाजिक समझ से जुड़े हिस्सों में। गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन में बड़ा उतार-चढ़ाव होता है। ये हार्मोन गर्भावस्था के दौरान तेजी से बढ़ते हैं और डिलीवरी के बाद सामान्य स्तर पर आ जाते हैं। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि एस्ट्रोजन के स्तर में ज्यादा वृद्धि और फिर कमी मस्तिष्क के ग्रे मैटर की मात्रा में अधिक कमी और उसके बाद की रिकवरी से जुड़ी हुई है। सुदामा/ईएमएस 24 जनवरी 2025