राज्य
23-Jan-2025
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आदिवासी संगठन के कार्यकर्ता को जिलाबदर करने का कलेक्टर-कमिश्नर का आदेश किया रद्द जबलपुर (ईएमएस)। बुरहानपुर के जागृत आदिवासी दलित संगठन के कार्यकर्ता अंतराम अवासे पर वनों से जुड़े 11 अपराध दर्ज कर जिलाबदर करने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस विवेक अग्रवाल की कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 22 जनवरी को बुरहानपुर कलेक्टर पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। हाईकोर्ट ने राज्य शासन को यह भी अनुमति भी दी है कि अगर वह चाहे तो कलेक्टर से यह राशि व्यक्तिगत रूप से भी वसूल सकता है। अवैध कटाई का उठाया था मुद्दा अंतराम अवासे जंगल में चल रही अवैध कटाई को लेकर लगातार जिला प्रशासन और वन विभाग से शिकायत करते रहे थे। धरना भी दिया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा राजनीतिक दबाव में जिला प्रशासन ने अंतराम के खिलाफ ही मामले दर्ज कर दिए। दो अन्य आपराधिक मामलों को आधार बनाते हुए कलेक्टर बुरहानपुर ने शिकायतकर्ता के खिलाफ जिला बदर का आदेश जारी कर दिया। अंतराम ने कलेक्टर के आदेश को इंदौर कमिश्नर के समक्ष चुनौती दी। लेकिन उन्होंने भी सजा को यथावत रखा। लिहाजा पीडि़त ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। राजनीतिक दबाव में कार्रवाई करना गलत हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, अगर राजनीतिक दबाव में आकर ऐसी कार्रवाई की गई है, तो यह न्याय उचित नहीं है। याचिकाकर्ता के वकील काजी फखरुद्दीन ने कोर्ट को बताया किअंतराम अवासे ने 2023 को बुरहानपुर जिले में हो रही अवैध वन कटाई के खिलाफ आवाज उठाई थी, जिसके बाद 2024 में कलेक्टर ने उनके खिलाफ जिलाबदर का आदेश जारी कर दिया। याचिकाकर्ता की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि कलेक्टर और इंदौर कमिश्नर ने बिना उचित विवेक के आदेश पारित किया। कोर्ट ने यह भी कहा कि अंतराम अवासे से सुनवाई के दौरान भी लोक शांति और सुरक्षा को कोई खतरा साबित नहीं हुआ।