ज़रा हटके
23-Jan-2025
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कैनबरा (ईएमएस)। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में पहाड़ियों पर बने 1,400 साल पुराने रहस्यमयी एलियन रिंग्स का रहस्य वैज्ञानिकों ने आखिरकर सुलझा लिया है। वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि ये वास्तव में वुरुंदजेरी वोई-वुरुंग नाम के आदिवासी समुदाय के लोगों के समय बने प्राचीन स्मारक हैं। ये आदिवासी समुदाय ही जगह का पारंपरिक मालिक रहा है। अभी तक लोग इन अजीबोगरीब छल्लों को देखकर हैरान होते थे। स्थानीय लोग इन्हें एलियंस के बनाए उनके घर या कुदरती तौर पर तैयार संरचना माना करते थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी हिस्से न्यू साउथ वेल्स और क्वींसलैंड में कभी इस तरह की 400 से ज्यादा ऐसी संरचनाएं थीं। वर्तमान में इसमें से केवल 100 के आसपास ही बची हैं। माना जाता है कि जब यूरोपीय लोगों ने भूमि पर कब्जा किया था तब उन्होंने इस तरह के बहुत से रिंग्स (छल्लों) को नष्ट कर दिया था। प्राचीन समय में आदिवासी लोग मिट्टी खोदकर इससे सैकड़ों मीटर चौड़े बड़े वृत्त बनते थे। समझा जाता है कि ये आज भी आदिवासी लोगों के लिए ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। वुरुंदजेरी वोई-वुरुंग संस्कृति के जानकारों का कहना है कि इन छल्लों का उपयोग यूरोपीय कब्जे, उपनिवेशवाद और लोगों के उस समय के जीवन जैसे विषयों पर विचार करने के लिए किया जाता है। इन रिंग्स को आदिवासी पूर्वजों के लिए एक औपचारिक बैठक स्थल माना जाता है। इसे पहली बार 1979 में पुरातत्वविद् डेविड फ्रैंकल ने खोदा था। इस शुरुआती खुदाई में तकरीबन 166 कलाकृतियां मिली थीं। शोध में सामने आया हैं कि यह रिंग्स 590 और 1,400 साल पहले के बीच बनाया गया था। लोगों ने उस क्षेत्र में भूमि और पौधों को साफ करने, मिट्टी को खुरचने और चट्टानों को बिछाने हुए ये संरचनाएं बनाईं। रिसर्च से पता चलता है कि उस समय के लोग अंगीठी जलाते थे और पत्थर के औजार बनाते थे। ये अध्ययन ऑस्ट्रेलिया के पुरातात्व के बारे में वैज्ञानिकों की समझ बढ़ाता है। दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया, सडबरी के आसपास पांच रिंग्स का एक संग्रह है। ये छल्ले सैकड़ों मीटर चौड़े हैं और इन्हें मिट्टी खोदकर और टीले बनाकर बनाया गया था। आशीष/ईएमएस 23 जनवरी 2025