राज्य
22-Jan-2025
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एक चम्मच 810 तो एक जग 1247 रुपए में खरीदा -आंगनबाडिय़ों के लिए खरीदी गई 5 करोड़ रुपए की सामग्री में सामने आया घोटाला -कांग्रेस ने की लोकायुक्त-ईडी से जांच की मांग, विधानसभा में उठेगा मुद्दा भोपाल/सिंगरौली (ईएमएस)। क्या आपने कभी सोचा है कि एक साधारण चम्मच की कीमत 810 और जग की कीमत 1247 हो सकती है। यदि नहीं, तो ऐसा हो सकता है। दरअसल, सिंगरौली जिले में महिला बाल विकास विभाग में बर्तनों की खरीदी हुई। जहां महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश राम गुप्ता के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए खरीदे गए बर्तनों में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। यह पहली दफा नहीं है जब अधिकारी ने इस तरह का बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया हो, इसके पहले भी आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए खरीदी गई सामग्री में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया था। महिला बाल विकास विभाग ने आंगनबाडिय़ों के लिए 5 करोड़ रुपए की ये सामग्री खरीदी। अब विपक्ष ने इस मामले को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने इस घोटाले पर सरकार से जवाब मांगा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मामले का खुलासा होने के बाद विभाग के भोपाल में बैठे अधिकारी भी सकते में है जिसको लेकर विभाग ने भी विस्तृत रूप से पूरे मामले की रिपोर्ट भोपाल मंगाई है। हालांकि जानकारी संबंधित अधिकारी के दिल्ली रवाना होने के बाद मंगाई गई है, लेकिन कहीं न कहीं मामला तूल पकडऩे के बाद अधिकारी के पसीने छूटने शुरू हो गए हैं। चम्मच और बर्तनों की कीमतों में हेराफेरी सिंगरौली में महिला बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाडिय़ों के लिए खरीदी गई चम्मच और बर्तनों में भारी गड़बड़ी सामने आई है। विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने इसे चम्मच घोटाला करार दिया है। उन्होंने कहा कि बाजार में 30-40 रुपए में मिलने वाली चम्मच को 800-900 रुपए में खरीदा गया। यह बच्चों और महिलाओं के साथ धोखा है। कटारे का आरोप है कि इस घोटाले में महिला बाल विकास अधिकारी, जिले के आईएएस अधिकारी, और कुछ मंत्रियों ने कमीशन लिया है। उन्होंने लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। कटारे ने कहा कि यदि जांच नहीं होती, तो वे विधानसभा में सबूतों के साथ यह मुद्दा उठाएंगे। इस घोटाले में 1500 आंगनबाडिय़ों के लिए 46,500 चम्मच 3.76 करोड़ रुपए में खरीदी गई हैं। इसके अलावा, सर्विंग चम्मच और पानी पीने के जग भी अधिक कीमतों पर खरीदी गई हैं। वहीं, कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने भी सरकार को घेरा और कहा कि अब तक सरकारी राशन घोटाले की चर्चा थी, लेकिन अब चम्मच और करछी घोटाला भी सामने आ गया है। जेम पोर्टल से हुई खरीदारी सिंगरौली जिले में हाल ही में जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए महिला बाल विकास अधिकारी राजेश राम गुप्ता ने जेम पोर्टल से बर्तनों की खरीदी की। जिसमें पोर्टल पर तीन सामग्रियों की खरीदी का आर्डर लगाया गया था। चम्मच, जग व थाली, सभी मिलाकर करीब 1लाख 40 हजार नग सामग्री की खरीदी हुई। जिसमें 6200 चम्मच, एक चम्मच की कीमत 1348 यानी कुल राशि 83 लाख 57 हजार 600, इसी तरह 3100 जग, एक जग की कीमत 1247 कुल कीमत 38 लाख 65 हजार 700। वहीं 46500 खंध वाली थालियां 46500 नग। जिसमें एक थाली का मूल्य 810 रुपए। जिसकी कुल लागत 3 करोड़ 76 लाख 65 हजार बताई जा रही। कुल 4 करोड़ 98 लाख की खरीदी की गई है। पूर्व में भी हुई खरीदी में हुआ था व्यापक भ्रष्टाचार मामला सामने आने के बाद अब जिला प्रशासन सहित विभाग के अधिकारी के हाथ पैर फूलने शुरू हो गए हैं। हालांकि इसके पूर्व में भी विभाग के द्वारा खरीदे गए साउंड बॉक्स, आरो वॉटर, ड्राइंग कॉपी, पेंसिल सहित अन्य सामग्रियों में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ झाला किया गया था। जिस साउंड बॉक्स की कीमत स्थानीय मार्केट में 8 से 9 हजार बताई गई थी, उस साउंड बॉक्स को करीब 19 हजार से अधिक की राशि में खरीदा गया था। जिसको लेकर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में शिकायत भी हुई थी। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने मामले पर पत्र जारी करते हुए जानकारी मांगी थी। जहां सिंगरौली अपर कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ के बार-बार पत्र जारी किए जाने के बाद भी मामले की जानकारी आज तक संबंधित अधिकारियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को उपलब्ध नहीं कराई है। सीईओ ने हटाने की थी मांग जानकारी उपलब्ध न कराने पर जिला पंचायत के सीईओ गजेंद्र सिंह नागेश ने 14 दिसंबर 2024 को एक पत्र लिखते हुए कलेक्टर को अवगत कराया है कि, उक्त खरीदी के संबंध में महिला बाल विकास जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश राम गुप्ता से कई बार जानकारी मांगी गई। लेकिन उक्त अधिकारी के द्वारा आज तक कोई जवाब नहीं दिया गया है। जिससे अधिकारी के इस कृत्य से वरिष्ठ कार्यालय के गरिमा एवं अनुशासन का स्पष्ट उल्लंघन प्रतीत होता है। उक्त अधिकारी के विभाग में रहते हुए अधोहस्ताक्षर करता आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के महत्वपूर्ण प्रकरण में वरिष्ठ कार्यालय को प्रतिवेदित नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद भी सिंगरौली कलेक्टर हाथ पर हाथ रख बैठे हुए हैं। इन दिनों कार्यालय में दोनों अधिकारियों का ताल से ताल मिलाना लोगों की समझ से परे है। दोनों अधिकारियों की सांठ गांठ देख अन्य अधिकारी भी सोच में पड़े हैं कि आखिर ऐसी कौन सी बात है कि जिस अधिकारी को पूर्व के कलेक्टर सामने देखना पसंद नहीं करते थे उन्हें वर्तमान कलेक्टर इतना भाव दे रहे हैं।और अभी तक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के मामले में कलेक्टर ने संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की।