राष्ट्रीय
21-Jan-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने हाल ही में भारत का दौरा किया और देश में अपनी कंपनी के आगामी निवेश के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। नडेला ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट अगले दो वर्षों में भारत में 3 अरब डॉलर का निवेश करेगा, जो खास तौर पर क्लाउड और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में किया जाएगा। उनका कहना था कि इस निवेश से एआई का विकास और उपयोग तेजी से बढ़ेगा और भारत के तकनीकी क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह वादा भी किया कि अगले पांच वर्षों में माइक्रोसॉफ्ट एक करोड़ भारतीयों को एआई की ट्रेनिंग देने के लिए तैयार है, जिससे एक उच्च गुणवत्ता वाले तकनीकी कार्यबल की सृजन की योजना है। भारत में एसटीईएम (विज्ञान, तकनीकी, इंजीनियरिंग, गणित) स्नातकों की बड़ी संख्या को देखते हुए, नडेला ने भारत को एक प्रमुख वैश्विक तकनीकी केंद्र के रूप में देखा है। पश्चिमी देशों की जनसंख्या में कमी आ रही है, जिससे इन देशों को एआई और तकनीकी क्षेत्र में कुशल स्नातकों की जरूरत है। नडेला ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि भारत में दुनिया के सबसे अधिक अंग्रेजी बोलने वाले एसटीईएम स्नातक तैयार होते हैं, और यह भारत को पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा प्रतिभा स्रोत बना रहा है। पहले जहां भारतीय ज्यादा तकनीकी रूप से कम योग्यता वाले कार्यों में लगे थे, अब बड़ी वैश्विक कंपनियां भारत में ग्लोबल कैपबिलिटी सेंटर्स (जीसीसीएस) खोल रही हैं, जिससे भारत में उच्च स्तर के तकनीकी कार्यों का अवसर बढ़ा है। हालांकि एआई के प्रसार को लेकर कुछ आशंकाएं भी हैं। कुछ लोगों को डर है कि एआई लाखों नौकरियों को खत्म कर सकता है, और मशीनें इंसानों से ज्यादा बुद्धिमान हो सकती हैं। परंतु कई विशेषज्ञ मानते हैं कि हर नई तकनीक के साथ बेरोजगारी का डर होता है, जो अंततः गलत साबित होता है। जैसे पहले मशीनीकरण, व्यक्तिगत कंप्यूटर और इंटरनेट ने नई नौकरियों की सृजन की, वैसे ही एआई भी रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकता है। हालांकि यह भी सच है कि कुछ क्षेत्रों में नौकरियां समाप्त हो सकती हैं, लेकिन कुल मिलाकर नए अवसर उत्पन्न हो सकते हैं। नडेला ने इस बात पर जोर दिया कि एआई के कारण उत्पन्न होने वाली नौकरियों की कमी से निपटने के लिए सरकारों को उच्च कॉर्पोरेट मुनाफे और तकनीकी कर्मचारियों की उच्च आय पर टैक्स लगाकर बेरोजगारी मुआवजे की योजना बनानी होगी। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि रीट्रेनिंग और तकनीकी नवाचार का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे। उन्होंने यह भी कहा कि एआई के विकास से समृद्धि में सुधार होगा, लेकिन इसके साथ आने वाली चुनौतियों का सही तरीके से सामना करना जरूरी है। आशीष/ईएमएस 21 जनवरी 2025