अंतर्राष्ट्रीय
20-Jan-2025
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वॉशिंगटन (ईएमएस)। नियमित आई चेकअप के जरिए स्ट्रोक के जोखिम का सटीक पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। इस बारे में शोधकर्ताओं ने पाया कि रेटिना में मौजूद रक्त वाहिकाओं के पैटर्न और उनके स्वास्थ्य के संकेत स्ट्रोक के जोखिम का पूर्वानुमान लगाने में सहायक हो सकते हैं। यह शोध ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्थित सेंटर फॉर आई रिसर्च (सीईआरए) द्वारा किया गया, जिसमें आंखों और स्ट्रोक के बीच गहरा संबंध पाया गया है। रेटिना में रक्त वाहिकाओं की संरचना में 118 अलग-अलग स्वास्थ्य संकेत होते हैं, जिनमें से 29 संकेत स्ट्रोक के खतरे से सीधे जुड़े पाए गए। इस विश्लेषण के लिए फंडस फोटोग्राफी तकनीक का उपयोग किया गया, जो आई टेस्टिंग में सामान्य रूप से इस्तेमाल की जाती है। शोध के तहत यूके के 45,161 लोगों की आंखों की फंडस फोटो का अध्ययन किया गया। 12.5 वर्षों की औसत निगरानी अवधि में इन प्रतिभागियों में से 749 लोगों को स्ट्रोक का अनुभव हुआ। इस डेटा को मशीन लर्निंग टूल की मदद से रेटिना-आधारित माइक्रो वैस्कुलर हेल्थ असेसमेंट सिस्टम के जरिए विश्लेषित किया गया। शोधकर्ताओं ने कहा कि रेटिना के संकेतों को आयु और लिंग जैसे सामान्य कारकों के साथ मिलाकर स्ट्रोक के जोखिम का आकलन करने के लिए एक सरल और प्रभावी तरीका विकसित किया जा सकता है। यह प्रणाली न केवल स्ट्रोक के जोखिम की पहचान करने में मदद कर सकती है, बल्कि इससे स्ट्रोक से होने वाली विकलांगता और मृत्यु दर को कम करने की दिशा में बड़े कदम उठाए जा सकते हैं। गौरतलब है कि स्ट्रोक एक गंभीर समस्या है, जो दुनिया भर में हर साल 10 करोड़ से अधिक लोगों को प्रभावित करता है और 67 लाख मौतों का कारण बनता है। सुदामा/ईएमएस 20 जनवरी 2025