क्षेत्रीय
18-Jan-2025


बदलापुर, (ईएमएस)। कुलगांव-बदलापुर नगर परिषद द्वारा करीब 12 साल पहले 87 लाख रुपए की लागत से बायोगैस परियोजना स्थापित की गई थी। निर्माण के बाद मरम्मत कार्य और रखरखाव के नाम पर इस परियोजना पर लाखों रुपये खर्च किए गए हैं। हालांकि इसके बाद भी इस परियोजना से अब तक एक भी यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हुआ है। बायोगैस घोटाले की जांच की मांग करते हुए यह सनसनीखेज आरोप लगाया है पूर्व भाजपा नगरसेवक संभाजी शिंदे ने। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में कुलगांव-बदलापुर नगर परिषद के माध्यम से लगभग 87 लाख रुपये की लागत से वडवली स्थित श्मशान भूमि में बायोगैस परियोजना स्थापित की गई थी। इस परियोजना की स्थापना शहर के गीले कचरे को संसाधित करके बायोगैस उत्पन्न करने और श्मशान भूमि के लिए बिजली उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई थी। हालाँकि, आज तक इस परियोजना से एक भी यूनिट बिजली उत्पन्न नहीं हुई है। संभाजी शिंदे ने आरोप लगाया है कि 2018 में बायोगैस प्लांट की मरम्मत की आड़ में सिर्फ गुंबद बदलकर नगर परिषद के कुछ अधिकारियों की सहमति से 37 लाख रुपये की लूट की गई थी। इस मरम्मत के बाद भी इस बायोगैस परियोजना से एक भी यूनिट बिजली उत्पन्न नहीं हुई। सबसे बड़ी बात तो यह है कि भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों की लॉबी ने भ्रष्टाचार के इस सिलसिले को जारी रखने के लिए इस परियोजना के लिए पांच साल का रखरखाव और मरम्मत का ठेका भी ले लिया और पुनः उसी ठेकेदार को यह काम दिया गया। यह ठेका 91.57 लाख रुपये का है, जिसमें पहले वर्ष 15 लाख रुपये, दूसरे वर्ष 16.50 लाख रुपये, तीसरे वर्ष 18.15 लाख रुपये, चौथे वर्ष 19.16 लाख रुपये तथा पांचवें वर्ष 21.96 लाख रुपये का ठेका दिया जाएगा। इस ठेकेदार को 15 मार्च 2021 को रखरखाव और मरम्मत कार्य करने का आदेश दिया गया है। उसके बाद भी इस परियोजना में अब तक एक भी यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हुआ है और संबंधित ठेकेदार ने वहां गैस सिलेंडर में केवल मीथेन गैस भरने का नाटक करके नगर परिषद के कोष से अब तक 70 लाख रुपए का गबन कर लिया है। पूर्व नगरसेवक संभाजी शिंदे नगर परिषद मुख्याधिकारी मारुति गायकवाड़ को सौंपे गए एक निवेदन में यह आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में यह परियोजना बहुत खराब स्थिति में है और नगर परिषद का स्वास्थ्य विभाग गीला कचरा एकत्र नहीं कर रहा है। संभाजी शिंदे का कहना है कि ठेकेदार नगर परिषद से लाखों रुपए लूट रहा है। संभाजी शिंदे ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि पूरे मामले की जांच पवई आईआईटी या किसी अन्य सक्षम तकनीकी समिति के माध्यम से कराई जाए, दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए तथा ठेकेदार से पुराने सभी बिल बिना भुगतान किए वसूले जाएं। उन्होंने इस संबंध में कार्रवाई नहीं होने पर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है। इस बीच, इस संबंध में प्रतिक्रिया के लिए मुख्याधिकारी मारुति गायकवाड़ से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। संतोष झा- १८ जनवरी/२०२५/ईएमएस