दोनों करेंगे एक-दूसरे की मदद, मिलकर लगाएंगे न्यूक्लियर पावर प्लांट तेहरान,(ईएमएस)। ईरान ने रूस के साथ एक बड़ा समझौता किया है। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान और रूस के राष्ट्रपति व्लाददिमीर पुतिन की मौजूदगी में कांप्रिहेंसिव स्ट्रैटजिक पार्टनशिप ट्रीटी पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका मकसद रणनीतिक तौर पर एक दूसरे की मदद करना है। रूस ने ईरान को भरोसा दिलाया है कि उसके ऊपर कोई भी आफत आती है तो वह आगे बढ़कर उसकी मदद करेगा। इससे अमेरिका और इजराइल की टेंशन बढ़ गई है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि यह एक अहम दस्तावेज है। दोनों देशों पर भारी प्रतिबंध लगे हैं और यही हमारे संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाने वाले हैं। ईरानी राष्ट्रपति ने पुतिन से कहा कि उन्हें भरोसा है कि दोनों देश मिलकर ईरान में एक न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाएंगे। मसूद पेजेश्कियान जुलाई में राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार रूस के दौरे पर आए हैं। क्रेमलिन में उनका भव्य स्वागत किया गया। जहां दोनों नेता बैठे, वहां दोनों देशों के झंडे लगे हुए नजर आए। पुतिन ने कहा कि हम अपने सहयोग के सभी क्षेत्रों पर बातचीत करेंगे और एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। हम इस पर लंबे समय से काम कर रहे हैं और मुझे खुशी है कि यह काम पूरा हो गया है। इससे व्यापार और आर्थिक संबंधों को और बढ़ावा मिलेगा। यूक्रेन युद्ध शुरु होने के बाद से रुस ने ईरान और अन्य अमेरिकी विरोधियों, जैसे उत्तर कोरिया के साथ संबंध मजबूत किए हैं और प्योंगयांग और बेलारूस के साथ रणनीतिक समझौते किए हैं, साथ ही चीन के साथ साझेदारी समझौता भी किया है। रूस-ईरान समझौता उत्तर कोरिया और बेलारूस के साथ हुए समझौते की तरह नहीं है, फिर भी इस समझौते ने अमेरिका और इजराइल की चिंता बढ़ा दी है। ईरान और रूस दोनों का कहना है कि उनकी दोस्ती का संबंध किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं है। इसके बावजूद रूस ने यूक्रेन में ईरानी ड्रोन का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया है। अमेरिका ने सितंबर में ईरान पर रूस को बैलिस्टिक मिसाइलें भेजने का भी आरोप लगाया था। हालांकि बाद में ईरान ने उसे खारिज कर दिया था। रूस ने ईरान को एस-300 एयर डिफेंस सिस्टम दिया है। ईरान रूस से अत्याधुनिक एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम और रूस के फाइटर जेट्स लेने पर भी विचार कर रहा है। सिराज/ईएमएस 18जनवरी25