राज्य
17-Jan-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए बहुत खास है। हर कोई इस सीट को जीतने के लिए जतन कर रहा है। इस बीच केंद्र ने 8 वें आयोग की घोषणा की है। जिससे काफी हद तक बीजेपी को फायदा मिलेगा। आइये जानते हैं कैसे बीजेपी कोई दिल्ली सीट पर 8 वें वेतन आयोग की घोषणा से लाभ मिलेगा। दिल्ली की सत्ता की धुरी माने जाने वाली नई दिल्ली विधानसभा सीट को फतह करने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है। पहले अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा को टिकट दिया और अब जीत की इबारत लिखने की कवायद में जुट गई है। ऐसे में मोदी सरकार के द्वारा उठाया गया एक कदम नई दिल्ली सीट पर प्रवेश वर्मा की किस्मत बदलने वाला माना जा रहा तो अरविंद केजरीवाल की सियासी टेंशन बढ़ा सकता है। दिल्ली चुनाव की सियासी सरगर्मी के बीच मोदी सरकार ने गुरुवार को आठवें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी को देकर बड़ा सियासी दांव चला है। पीएम मोदी का 8 वें वेतन आयोग का फैसला दिल्ली में बीजेपी के लिए मुफीद साबित हो सकता है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा सियासी इफेक्ट नई दिल्ली सीट पर पड़ सकता है। इसकी वजह यह है कि दिल्ली में सरकारी कर्मचारी और पेंशनर सबसे ज्यादा नई दिल्ली सीट पर ही रहते हैं, जो प्रवेश वर्मा के लिए सियासी संजीवनी तो केजरीवाल के लिए चिंता का सबब बन सकते हैं? मोदी सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। केंद्र सरकार के फैसले को बीजेपी नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल को घेरने की रणनीति के तौर पर इस्तेमाल कर सकती है। नई दिल्ली सीट पर सबसे ज्यादा सरकारी कर्मचारी हैं। नई दिल्ली विधानसभा सीट में ही तमाम सरकारी कॉलोनियां हैं। सरकारी कर्मचारियों के वेतन में सुधार के कदम को बीजेपी अपनी उपलब्धि और केजरीवाल के खिलाफ सियासी हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकती है। भारतवर्ष डिजिटल से बात करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल 2013 से लगातार नई दिल्ली सीट से जीत रहे हैं और चौथी बार चुनावी मैदान में है। इस बार उनकी राह पहले की तरह आसान नहीं है। पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को घेरने के मकसद से ही मोदी सरकार ने अचानक गुरुवार को आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी। इसकी वजह नई दिल्ली सीट पर हार-जीत सरकारी कर्मचारी और पेंशनर तय करते हैं। अजीत झा / देवेन्द्र/ नई दिल्ली/ईएमएस/17/ जनवरी /2025