अंतर्राष्ट्रीय
17-Jan-2025
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वॉशिंगटन(ईएमएस)। अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को शपथ लेंगे। इससे पहले पूरी दुनिया में हलचल मची हुई है। भारत में ट्रंप के आने से खुशी की लहर है तो यूरोप में टेंशन बढ़ गई हे और कनाडा, चीन कुछ समझने में असमर्थ दिखाई दे रहे हैं। ग्रीनलैंड पर वे पहले ही दावा ठोंक चुके हैं। उधर मुस्‍ल‍िम देशों में भी एक बेचैनी है। इस तरह का हाल एक सर्वे में बताया गया है। यूरोपीय काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने चेंजिंग वर्ल्ड पर एक सर्वे किया। इसमें पता चला कि कई देश ट्रंप के रवैये की वजह से टेंशन में हैं। क्‍योंकि राष्ट्रपति जो बाइडन के विपरीत ट्रंप काफी सौदेबाजी करते हैं। उन्‍हें इंटरनेशनल रिलेशन का मतलब सिर्फ व्यापार समझ आता है। इसकी वजह से अमेरिका के ज्‍यादातर देश हि‍ले हुए हैं। रूस और चीन जैसे विरोधियों के प्रति ट्रंप का दोस्‍ताना रिश्ता नजर आ रहा है, कि कनाडा या डेनमार्क जैसे नाटो देशों के साथ वे दुश्मनों की तरह व्‍यवहार कर रहे हैं। भारत में 82 प्रतिशत लोग ट्रम्प की जीत से खुश हैं। जबकि यूरोप में 28 प्रतिशत और यूनाइटेड किंगडम में 50 प्रतिशत लोग उनके आने से दुखी हैं। यूरोप में केवल 29 प्रतिशत और यूके में 19 प्रतिशत लोग ट्रम्प के सत्‍ता संभालने से खुश हैं। गैर-यूरोपीय देशों में, दक्षिण कोरिया एकमात्र ऐसा देश है जहां लोग ट्रम्प की जीत को लेकर उत्साहित नहीं हैं। रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत और सऊदी अरब जैसे गुटनिरपेक्ष देश ट्रंप के आने से खुश हैं। क्‍योंकि उनका मानना है कि ट्रंप से लेनदेन में वे ज्‍यादा लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं, जबकि बाइडन सिर्फ यूरोप के देशों से घिरे रहते थे। यूरोप नाराज है क्योंकि उसे चुनाव से सबसे अधिक नुकसान होने की संभावना है। सर्वेक्षण में पाया गया कि भारत ‘ट्रम्प का स्‍वागत करने वाले देशों में सबसे आगे है और यूरोप ‘नेवर ट्रम्पर्स’ में सबसे आगे है। ट्रम्प ने ग्रीनलैंड को जोड़ने के लिए डेनमार्क पर आक्रमण करने की धमकी दी है। कनाडा को अपने देश में मिलाने का इरादा जताया है। इतना ही नहीं, पनामा को अपने अधीन करने का ऐलान किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर कोई नाटो सहयोगी उनकी बात नहीं मानेगा तो वह रूस को “जो चाहे करने” के लिए प्रोत्साहित करेंगे। वीरेंद्र/ईएमएस 17 जनवरी 2025