अंतर्राष्ट्रीय
16-Jan-2025
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पुलिस ने कार्रवाई करते हुए खनिकों की रस्सियां और पुली सिस्टम नष्ट जोहांसबर्ग (ईएमएस)। दक्षिण अफ्रीका में एक छोड़ी गई सोने की खदान में 100 से अधिक खनिकों की मौत के बाद पूरे देश में बवाल मच गया है। अधिकार समूहों ने बताया है कि 500 से ज्यादा खनिक वर्तमान में खदान के अंदर फंसे हुए हैं। इसमें कई खनिक भूख और प्यास के कारण गंभीर हालत में हैं। वहीं स्थानीय लोगों का दावा है कि कुछ खनिक जुलाई से ही माइन के अंदर सोने की खोज कर रहे हैं। इस खनिकों के खाने-पीने की चीजों की आपूर्ति खदान के बारह मौजूद उनके सहयोगी करते है। ये खनिक पूरी तरह से इन्हीं सहयोगियों पर निर्भर रहते है। इन्हीं सहयोगियों के द्वारा उन्हें समय-समय पर जरुरत की सभी चीजें उपलब्ध कराई जाती है। पुलिस द्वारा पहली बार इन खनिकों को बाहर निकालने की कोशिश नवंबर में हुई थी। दक्षिण अफ्रीका में अवैध खनन एक आम समस्या है, खासकर उन खदानों में जिन्हें कंपनियां छोड़ देती हैं। ऐसी खदानों में बचे हुए सोने की तलाश में खनिक अवैध रूप से प्रवेश करते हैं। ये खनिक समूह महीनों तक खदान में रहते हैं और अपनी आपूर्ति के लिए सतह पर मौजूद लोगों पर निर्भर होते हैं।घटना स्टिलफोंटेन शहर के पास स्थित बफेल्सफोंटेन गोल्ड माइन की है, इस माइन को पिछले साल नवंबर में बंद कर दिया गया था। प्रशासन के अधिकारियों ने खदान में अवैध रूप से काम कर रहे खनिकों को बाहर निकालने के लिए उनकी आपूर्ति काट दी थी। पुलिस का कहना है कि खनिक बाहर आ सकते हैं, लेकिन गिरफ्तारी के डर से वे बाहर नहीं आ रहे हैं। वहीं, खनिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले समूहों ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि सरकार की लापरवाही के चलते ये लोग जमीन के अंदर 2.5 किलोमीटर की गहराई में फंसे हुए हैं। अधिकार समूहों के अनुसार, यह खदान दुनिया की सबसे गहरी खदानों में से एक है और इसमें लोग कम से कम छह महीने से फंसे हुए हैं। पिछले साल पुलिस ने अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई कर इन खनिकों की रस्सियां और पुली सिस्टम नष्ट कर दिए थे। दक्षिण अफ्रीका के खनिज मंत्री ग्वेडे मंताशे ने घटना स्थल का दौरा कर अवैध खनन पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों से खनिकों को फायदा नहीं होता, बल्कि बड़े समूह और सोने के व्यापार में शामिल लोग इसका लाभ उठाते हैं। सरकार का अनुमान है कि देश में करीब 6,000 छोड़ी गई खदानें हैं, और अवैध खनन के चलते हर साल लगभग 1 अरब डॉलर का राजस्व नुकसान होता है। आशीष/ईएमएस 16 जनवरी 2025