नई दिल्ली (ईएमएस)। माइग्रेन की समस्या अक्सर ठंड के मौसम में और बढ़ जाती है। माइग्रेन का दर्द सिर के एक तरफ तेजी से होता है और यह कुछ मिनटों से लेकर कई दिनों तक बना रह सकता है। माइग्रेन के मरीजों को उल्टी, चक्कर और सूजन जैसी समस्याओं से भी जूझना पड़ता है। तेज रोशनी, शारीरिक गतिविधि, या तेज आवाज से यह दर्द और गंभीर हो सकता है।हालांकि, आयुर्वेद में इसके लिए काली मिर्च को फायदेमंद उपाय बताया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, माइग्रेन का दर्द पूरे शरीर की नसों के सिकुड़ने और फिर तनने की वजह से होता है। यह दर्द सिर के एक तरफ शुरू होकर गर्दन, कंधे, पीठ और हाथ तक फैल सकता है। इस दर्द से राहत पाना अक्सर मुश्किल होता है। विशेषज्ञों ने बताया कि माइग्रेन के शुरुआती लक्षणों में ही दवा लेना राहत का एक बेहतर तरीका है। लेकिन साथ ही उन्होंने काली मिर्च को एक प्राकृतिक उपाय के रूप में इस्तेमाल करने की सलाह दी है। काली मिर्च, जो हर रसोई में आसानी से उपलब्ध होती है, माइग्रेन के दर्द में कारगर मानी जाती है। इसमें मौजूद पिपेरिन नामक एंजाइम सूजन को कम करने और दर्द से राहत दिलाने में सहायक होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि माइग्रेन के मरीजों को दो से तीन काली मिर्च को मुंह में रखकर चबाना चाहिए। यह उपाय न केवल माइग्रेन के दर्द को कम करता है, बल्कि मरीज को बेहतर महसूस कराने में भी मदद करता है। हालांकि, काली मिर्च का अधिक सेवन नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसकी तासीर गर्म होती है, और इसका ज्यादा सेवन करने से नाक से खून आने का खतरा रहता है। वैद्य जी का सुझाव है कि दो से तीन काली मिर्च से ज्यादा का सेवन न करें। सर्दियों में माइग्रेन के मरीजों के लिए काली मिर्च राहत का एक सरल और प्राकृतिक उपाय हो सकती है। सुदामा/ईएमएस 16 जनवरी 2025