नई दिल्ली (ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बसपा सुप्रीमो मायावती को बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री रहते हुए सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये खर्च कर अपनी और अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी की मूर्तियां बनवाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका का सुप्रीम कोर्ट ने निपटारा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने मायावती के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई बंद कर दी। 15 साल पहले दायर इस याचिका को पुराना मामला मानते हुए सुनवाई समाप्त कर दी गई। वकील रविकांत ने 2009 में यह याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि जनता के पैसों का दुरुपयोग करने के कारण बहुजन समाज पार्टी से वह धन वसूला जाए। इसके अलावा याचिका में यह भी कहा गया था कि जनता के पैसे से पार्टी के चुनावी चिन्ह हाथी की मूर्तियां पार्कों में बनवाना गलत है और सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को BSP का चुनाव चिन्ह जब्त करने का आदेश दे। उत्तर प्रदेश की पूर्व CM मायावती ने 2007 से 2012 तक अपने शासनकाल के दौरान लखनऊ और नोएडा में दो बड़े पार्कों का निर्माण करवाया था। पार्कों में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर, बीएसपी के संस्थापक कांशीराम, पार्टी के चुनावी चिन्ह हाथी और खुद की कई मूर्तियां स्थापित की गई थीं। ये मूर्तियां पत्थर और कांसे से बनाई गई थीं। रिपोर्ट के मुताबिक इन परियोजनाओं में करीब उस समय करोड़ों रुपए खर्च किए गए थे। इस कार्य के लिए मायावती अपने विरोधियों के निशाने पर भी रहीं। उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था। सुबोध/१५-०१-२०२५