क्षेत्रीय
15-Jan-2025
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वाराणसी (ईएमएस)। साइबर अपराध के प्रति पुलिस, बैंक व मीडिया द्वारा लगातार प्रचार -प्रसार एवं जन जागरूकता के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, फिर भी पढ़े लिखे लोग ज्यादा साइबर ठगी के शिकार हो जा रहे हैं। साइबर ठगी का ज्यादातर ट्रेंड मनी लांड्रिंग या डिजिटल अरेस्ट इत्यादि दिखाया जाता है। इसी प्रकार बनारस डीजल रेल कारखाना (बरेका ), वाराणसी कर्मी और उसकी मां से ठगी का मामला प्रकाश में आया है। मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तारी का भय दिखाकर साइबर ठगों ने बरेका कर्मी और उसकी मां को साइबर अरेस्ट करके 18 लाख 82331 रुपए वसूल लिए। ठगी का एहसास होने के बाद भुक्त भोगी ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। बरेका डिपो में डीएमएस पद पर कार्यरत अनिल सिंह कुशवाहा परिसर स्थित आवास में अपनी मां के साथ रहते हैं। बीते 31 दिसंबर को उन्हें एक अनजान नंबर से फोन कॉल आई, कॉल करने वाले ने खुद को बैंक कर्मी बताते हुए कहा कि आप के नाम से जारी क्रेडिट कार्ड से 1.63 लाख रुपए की शॉपिंग की गई है। इस पर अनिल ने उसे बताया कि उनका कोई क्रेडिट कार्ड नहीं है। इस पर ठग ने कहा कि किसी ने आप के आधार कार्ड का दुरुपयोग कर कार्ड बनवा लिया है। उसने बताया कि आप के कार्ड से मनी लॉन्ड्रिंग भी हुई है। इसके बाद उसने कहा कि काल मुंबई साइबर क्राइम को ट्रांसफर की जा रही है। दूसरे नंबर से बात करने के बाद उनके व्हाट्सएप पर एक अरेस्ट वारंट भेजा गया।अनिल के डर जाने पर उसने कहा कि आप सही हैं तो जांच में हमारा सहयोग करें, जैसा हम कह रहे हैं, बस वैसा करते जाईये। इसके बाद कई बार उसने करीब 19 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए। बरेका कर्मी अनिल सिंह कुशवाहा और उनकी मां को डिजिटल अरेस्ट करने के बाद साइबर ठगों ने जांच के लिए सिक्योरिटी मनी के तौर पर 20 लाख रुपए मांगे। उन्होंने भरोसा भी दिलाया कि जाँच के बाद राशि लौटा दी जाएगी। इसके बाद बरेका कर्मी ने 4 जनवरी को आरटीजीएस से 14 लाख रुपए, यूपीआई से 33411/ रुपए और ₹ 66549 /ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद उसने 6 जनवरी को आरटीजीएस से 382371/ और ट्रांसफर किया । उसी दिन ठगों की ओर से व्हाट्सएप पर भेजी गई पर्चियाँ संदेहास्पद लगी कि वे साइबर ठगी की शिकार हुए हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि अनजान नंबरों के वीडियो कॉल से फोन पर धमकी दी जाती थी। कहा जाता था कि जाँच होने तक किसी से कोई बात शेयर न करें। वीडियो कॉल पर उन्हें बार-बार गिरफ्तारी का डर दिखाया जाता था। साइबर अपराध के भवर में वाराणसी समेत पूर्वांचल के युवा भी फंस रहे हैं। पूर्व में इक्का - दुक्का का नाम सामने आते थे। बीते डेढ़ महीने में वाराणसी समेत आसपास के जिलों से 16 युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। पूरे साल हुई गिरफ्तारी में पूर्वांचल के युवकों की संख्या करीब 20 फिसदी है। साइबर पुलिस के अनुसार साइबर ठगी की बड़ी घटनाओं में वाराणसी और आसपास जिले के युवकों की संलिप्तता चौंकाने वाली है।जो गिरफ्तारियां हुई हैं इसमें अवैध रूप से बैंक खातों को उपलब्ध कराने से लेकर ऐप के जरिए ठगी, पैसे की निकासी तक में इनकी संलिप्त पाई गई है। सारनाथ निवासी नेवी से रिटायर अफसर के साथ हुई ठगी में 12 से अधिक वाराणसी, चंदौली,मिर्जापुर व जौनपुर के ठग थे।साइबर थाना प्रभारी राजीव सिंह ने बताया कि पूर्वांचल के युवक इस काले कारोबार में फंस रहे हैं। डॉ नरसिंह राम/15/01/2024