यह सम्मेलन दिल्ली में 21 से 23 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा मुंबई,(ईएमएस)। एनसीपी(एसपी) प्रमुख शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक प्रमुख मराठी साहित्यिक समारोह का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया है। इस कदम को मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के लिए केंद्र के प्रति आभार के रूप में देखा जा रहा है। इस निमंत्रण ने शरद पवार की राजनीतिक रणनीति के बारे में अटकलों को भी जन्म दे दिया है, क्योंकि पिछले साल महाराष्ट्र चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद उनकी पार्टी चुनौतियों का सामना कर रही है। पीएम मोदी को इस सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है। आयोजन समिति के अध्यक्ष खुद शरद पवार हैं। यह कार्यक्रम अखिल भारतीय मराठी साहित्य महामंडल के बैनर तले आयोजित किया जाता है। पीएम मोदी को भेजे निमंत्रण में शरद पवार ने कहा कि यह पहली बार है कि यह सम्मेलन दिल्ली में 21-23 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है और याद दिलाया कि इस कार्यक्रम के 37वें संस्करण का उद्घाटन पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू ने किया था। शरद पवार ने सम्मेलन के ऐतिहासिक महत्व बताते हुए कहा किह यह 1878 में शुरू हुआ था। तब इसे पहली बार न्यायमूर्ति महादेव गोविंद रानाडे ने पुणे में ग्रंथकार सम्मेलन के रूप में आयोजित किया था। इसमें लोकमान्य तिलक, नामदार गोखले, वी डी सावरकर और काकासाहेब गाडगिल जैसी हस्तियां शामिल हुई थी। पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र में उन्होंने हाल ही में मराठी को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दिए जाने के मद्देनजर पीएम मोदी के इस कार्यक्रम का उद्घाटन किए जाने की उपयुक्तता पर जोर दिया। पवार ने लिखा कि हाल ही में आपके कार्यकाल के दौरान मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। इस पृष्ठभूमि में, यह उचित होगा कि इस वर्ष मराठी भाषा और संस्कृति के इस प्रभावशाली संगम का उद्घाटन आपके हाथों हो। एनसीपी(एसपी) सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) ने एक आलोचनात्मक दृष्टिकोण पेश करते हुए इस बात पर जोर दिया कि शास्त्रीय भाषा का दर्जा सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कहा कि पिछले 30-35 सालों में हर राजनीतिक नेता और सीएम ने मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाने के लिए काम किया। यह एक बड़ा सम्मान है। यह सामूहिक योगदान के कारण है, न कि किसी एक पार्टी या किसी नेता के कारण। सिराज/ईएमएस 15जनवरी25