राष्ट्रीय
15-Jan-2025


मेटा कंपनी पर अफवाह फैलाने का आरोप, संसदीय समिति ले सकती है एक्शन नई दिल्ली,(ईएमएस)। फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग के बयान से उनकी कंपनी मेटा मुश्किल में फंस गई है। संसद की एक समिति मेटा को तलब कर सकती है जो फेसबुक की पैरेंट कंपनी है। मामला 2024 के लोकसभा चुनाव से जुड़ा है जिसमें जकरबर्ग ने एक टिप्पणी की थी। बीजेपी सांसद और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने कहा कि मेटा को अफवाह फैलाने के आरोप में तबल किया जाएगा। जकरबर्ग ने एक पॉडकास्ट में दावा किया था कि दुनियाभर में 2024 के चुनावों में सत्ताधारी पार्टियों को हार का सामना करना पड़ा है, जिसमें भारत भी शामिल है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जकरबर्ग के इस दावे का खंडन किया था। उन्होंने कहा था कि यह तथ्यात्मक रूप से गलत है। दुबे ने कहा कि मेटा को संसद और जनता से माफी मांगनी होगी। बता दें जकरबर्ग ने 10 जनवरी को एक पॉडकास्ट में कहा था कि कोविड महामारी के कारण दुनियाभर में सत्ताधारी सरकारों के प्रति विश्वास कम हुआ है। उन्होंने इस संबंध में भारत का उदाहरण गलत तरीके से दिया। जकरबर्ग ने कहा कि 2024 दुनियाभर में एक बहुत बड़ा चुनावी वर्ष था और कई देशों में चुनाव हुए थे। सत्ताधारी पार्टियां मूलरूप से हरेक चुनाव हार गईं। यह एक तरह की वैश्विक घटना है, चाहे वह महंगाई के कारण हो या सरकारों ने कोविड से कैसे निपटा इसके कारण। ऐसा लगता है कि इसका वैश्विक प्रभाव पड़ा है। इसके तुरंत बाद ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जकरबर्ग की टिप्पणी का फैक्ट चेक किया और कहा कि भारत के लोगों ने पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए में अपना विश्वास दोबारा जताया है। वैष्णव ने एक्स पोस्ट में कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत ने 64 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं के साथ 2024 के चुनाव संपन्न कराए। जकरबर्ग का यह दावा कि 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश सत्ताधारी सरकारें कोविड के बाद हार गईं, तथ्यात्मक रूप से गलत है। वैष्णव ने आगे कहा कि कोविड के दौरान 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त भोजन, 2.2 अरब मुफ्त टीके और दुनियाभर के देशों को मदद दसे लेकर भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ाने तक, पीएम मोदी की निर्णायक तीसरी बार की जीत सुशासन और जनता के विश्वास का प्रमाण है। मेटा और खुद जकरबर्ग से गलत सूचना दिया जाना निराशाजनक है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल करने वाली बीजेपी को 2024 के आम चुनाव में कुछ झटके लगे और वह बहुमत के निशान से नीचे रही। गठबंधन दल के साथियों के साथ बीजेपी ने सत्ता कायम रखी। कांग्रेस के नेतृत्व में एकजुट विपक्ष ने बढ़त बनाई, लेकिन बाजी पलटने के लिए आवश्यक संख्या से काफी कम रही। मोदी 3.0 के साथ पीएम मोदी जवाहर लाल नेहरू के बाद लगातार तीन बार शीर्ष पद पाने वाले दूसरे भारतीय प्रधानमंत्री बन गए। दुबे ने पोस्ट में कहा कि एक लोकतांत्रिक देश के बारे में गलत सूचना मेटा की छवि खराब करती है। उसे इस गलती के लिए संसद और यहां के लोगों से माफी मांगनी होगी। सिराज/ईएमएस 15जनवरी25 -------------------------------- -----------------------------------