शिमला(ईएमएस)। मुफ्त की रेबडिया बांटकर चुनाव जीतने का जोश अब ठंडा होने लगा है। कई दिग्गज नेता फ्रीबीज के समर्थन से बच रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ने फ्रीबीज पर पार्टी अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे के बयान का समर्थन किया है। पत्रकारों से बातचीत में विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मेरा निजी मत है कि चुनावी वायदों को लेकर सभी पार्टियों को विचार करने की जरूरत। मात्र चुनाव जीतने के लिए वायदे नहीं किए जाने चाहिए। इसके अलावा, नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर के वार पर लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पलटवार किया है। नेता प्रतिपक्ष ने पीडब्लूडी और जल शक्ति विभाग में ठेकेदारों की करीब 1500 करोड़ पेमेंट न होने से लेकर स्वास्थ्य विभाग और एचआरटीसी की कार्यप्रणाली तक कई मुद्दों पर सुक्खू सरकार को घेरा था। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को राजनीति करने के बजाए प्रदेशहित्त में सरकार का सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी देनदारियां हैं, वो आज के समय की अकेले नहीं है। पूर्व सरकारों के समय से ये स्थिति चली आ रही है। प्रदेश में आर्थिक स्थिति में संकट जरूर है, लेकिन उसमें सुधार भी हो रहा है और सरकार चरणबद्ध तरीके से पेमेंट करेगी और विकास के कार्यों को गति देगी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आज ही मुख्यमंत्री ने छोटे ठेकेदारों की पेमेंट के लिए 80 करोड़ रुपये जारी किए हैं। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आज नेता प्रतिपक्ष हो हल्ला कर रहे हैं, जब सत्ता में थे तो उस समय की सारी देनदारियां पूरी क्यों नहीं की और उनको अगली सरकार पर क्यों थोपा गया? अपने समय में प्रदेश पर कर्ज का बोझ लादा और सत्ता हासिल करने के लिए बिजली-पानी से लेकर कई चीजें रेवड़ियों की तरह मुफ्त में बांटी। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को आरोप-प्रत्यारोप छोड़ प्रदेश को आगे ले जाने के लिए सुझाव देने चाहिए और सहयोग करना चाहिए। गौरतलब है कि मंगलवार सुबह शिमला में जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में अराजकता फैली हुई है। प्रदेश की ट्रेजरी क्यों बंद है और लोगों के 5 हजार और 10 हजार के भी भुगतान नहीं हो रहे हैं और विकास के काम क्यों ठप पड़े हैं? प्रदेश के अस्पतालों में दवा सप्लाई करने वाले सप्लायरों को मीडिया में आकर 9 महीने से अपनी लंबित भुगतानों की मांग क्यों करनी पड़ रही है? जब सब कुछ ठीक है प्रदेश के स्वास्थ्य महकमें की हालत इतनी खराब क्यों है? नेता प्रतिपक्ष ने सवाल ये सवाल पूछे थे। साथ ही कहा कि क्यों हर दिन सौ- पचास लोगों को नौकरियों से निकलने की खबरें मीडिया में आना आम बात हो गई हैं। वीरेंद्र/ईएमएस/15जनवरी2025