अंतर्राष्ट्रीय
15-Jan-2025
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पेरिस,(ईएमएस)। फ्रांसीसी नौसेना की परमाणु पनडुब्बी की फिटनेस एप के चलते गोपनीय सुरक्षा सूचना लीक हो गई। दरअसल फ्रांस की परमाणु पनडुब्बी पर तैनात अधिकारियों और चालक दल ने गलती से अपनी दौड़ और जॉगिंग के रिकॉर्ड को एक फिटनेस एप पर दर्ज किया, जिससे उनकी परमाणु पनडुब्बी की लोकेशन इंटरनेट पर लीक हो गई। सभी देशों की सेनाएं अपनी पनडुब्बियों की लोकेशन को सुरक्षा के चलते बेहद गोपनीय रखती हैं, लेकिन एक लापरवाही से बेहद गोपनीय सूचना सार्वजनिक हो गई। इस एप की खासियत है कि इसमें यूजर्स द्वारा जैसे ही अपने फिटनेस लक्ष्य को हासिल कर लिया जाता है तो उसकी लोकेशन सटीक स्थान के साथ एप पर दिखनी शुरू हो जाती है। फ्रांसीसी नौसेना के जो अधिकारी और चालक दल के सदस्य फ्रांस के ब्रेस्ट हार्बर में आइल लॉन्ग पनडुब्बी बेस पर तैनात थे और स्ट्रावा एप का इस्तेमाल कर रहे थे। इस एप पर यूजर्स अपनी फिटनेस गतिविधियों की जानकारी साझा करते हैं, जिससे दुनियाभर में उनकी प्रगति की निगरानी की जा सकती है। यह लीक कितना बड़ा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कथित तौर पर आइल लॉन्ग बेस पर चार फ्रांसीसी परमाणु पनडुब्बियां हैं, जिनमें से प्रत्येक 16 परमाणु मिसाइलों से लैस है, इन मिसाइलों की विस्फोटक तीव्रता हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बमों से भी लगभग एक हजार गुना अधिक शक्तिशाली है। चार परमाणु पनडुब्बियों में से, जिन्हें ब्लैक बोट्स के नाम से जाना जाता है, इनमें कम से कम एक साल 1972 से ही रोटेशनल आधार पर गश्त पर रहती हैं। ये पनडुब्बियां फ्रांसीसी राष्ट्रपति के आदेश के कुछ सेकंड के भीतर ही दुनिया में कहीं भी परमाणु हमला करने की स्थिति में होती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले दस वर्षों में फ्रांसीसी सेना में करीब 450 से अधिक स्ट्रावा उपयोगकर्ता रहे हैं, जो शीर्ष परमाणु बेस में तैनात रहे हैं। इस खबर से फ्रांस में हड़कंप मच गया है। हैरानी की बात ये है कि सैनिकों ने एप के इस्तेमाल के दौरान अपनी छद्म पहचान नहीं बनाई और अपनी असली पहचान के साथ एप का इस्तेमाल करते रहे। जांच में पता चला है कि फ्रांस के साथ ही अमेरिकी और रूसी राष्ट्रपतियों के अंगरक्षक भी स्ट्रावा फिटनेस ऐप का करते हैं, जिससे इन देशों के राष्ट्रपतियों की लोकेशन और यात्रा गतिविधि का पता लगाया जा सकता है। फ्रांस के लिए बेहद अहम थी जानकारी आइल लॉन्ग बेस में लगभग 2,000 सैन्यकर्मी रहते हैं और यह फ्रांस का एक शीर्ष गुप्त सैन्य क्षेत्र है। यह चौबीसों घंटे कैमरे की निगरानी, ड्रोन द्वारा निरंतर निगरानी, नियमित अंतराल पर बायोमेट्रिक स्कैनर से पहचान इसे एक किले की तरह सुरक्षित बनाती है। क्षेत्र में मोबाइल फोन प्रतिबंधित हैं। इतने भारी सुरक्षा इंतजामों के बावजूद, एक लापरवाही के चलते संवेदनशील जानकारी लीक हो गई। यह लीक स्मार्टवॉच के जरिए हुआ, जिसमें सैनिक अपने स्वास्थ्य और फिटनेस जांच के लिए थर्ड-पार्टी एप्लिकेशन का इस्तेमाल करते हैं, जो लीक का कारण बना। वीरेंद्र/ईएमएस/15जनवरी2025