जान लीजिए इस खबर में नई दिल्ली,(ईएमएस)। प्रयागराज महाकुंभ के पहले ही दिन स्नान के लिए जा रहा एक गुजराती परिवार तब सदमे में आ गया जब रास्ते में किसी अज्ञात शख्स ने ट्रेन पर पत्थर से हमला किया। घटना में यह परिवार बाल-बाल बच गया। परिवार ने ट्रेन से लाइव वीडियो बनाकर अपनी सुरक्षा की मांग रेलवे से की। यह परिवार सूरत से ताप्ती गंगा एक्सप्रेस ट्रेन में सवार हुआ था। तभी जंलगाव इलाके में किसी ने बाहर से ट्रेन पर पत्थर से हमला किया। अब सवाल उठता है कि अगर ट्रेन में सवार होने के दौरान कोई हादसा हो जाए, तब ऐसी स्थिति में लोगों की सुरक्षा के लिए क्या प्रावधान हैं। उनके मुआवजे पर रेलवे के नियम क्या हैं। क्या कहता है रेलवे का नियम? रेलवे रेल दुर्घटना और अन्य अप्रिय घटना होने की स्थिति में मुआवजा 1990 के ‘रेलवे दुर्घटनाएं और अप्रिय घटनाएं (मुआवजा) नियम’ के तहत देती है। इसके तहत रेलवे का हादसे में मरने वालों के परिवार वालों को अनुग्रह राहत के रूप में 15 हजार रुपये देने का प्रावधान है। गंभीर चोट की स्थिति में पांच हजार और साधारण चोट पर रेलवे 500 रुपये का मुआवजा मिलता है। इसतरह रेलवे क्रॉसिंग पर दुर्घटना होने की स्थिति में मृत्यु के लिए परिजनों को 6 हजार और और गंभीर चोट लगने की स्थिति में 2,500 रुपये देने का प्रावधान है। लेकिन क्या सिर्फ रेल हादसे में जान गंवाने वालों को 15 हजार रुपये जैसी मामूली राशि मिलेगी। दरअसल, यह पूरा सच नहीं है। रेलवे पैसेंजर ट्रेन और उपनगरीय ट्रेनों को छोड़कर अन्य सभी ट्रेनों में रिजवर्ड एसएल, एसी-1, एसी-2 और एसी-3 श्रेणी के यात्रियों का इंश्योरेंस करती है। रेल हादसों में मारे गए श्रेणी के लोगों को आठ लाख रुपये इंश्योरेंस कंपनी देती है। इसतरह रेल हादसे में चोटिल यात्रियों को 64 हजार रुपये से आठ लाख रुपये तक दिए जाने का प्रावधान हैं। आशीष/ईएमएस 15 जनवरी 2025