वॉशिंगटन (ईएमएस)। सर्दियों के दिनों में बाथरूम में दिल का दौरा क्यों ज्यादा पड़ता है? यह सवाल सबके मन में उठ रहा होगा। बाथरूम में दिल के दौरे का मुख्य कारण अधिक दबाव डालना है। शौच या पेशाब करते वक्त शरीर पर अत्यधिक दबाव डालने से स्वायत्त तंत्रिका तंत्र असंतुलित हो जाता है, जिससे रक्तचाप में अचानक गिरावट हो जाती है। इस स्थिति में मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और व्यक्ति को चक्कर या बेहोशी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, सर्दियों में बाथरूम में ठंडा पानी डालने से हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। जब शरीर पर अचानक ठंडा पानी पड़ता है, तो रक्त पंप करने के लिए हृदय को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जो हार्ट अटैक का कारण बन सकता है। बाथरूम में दिल के दौरे से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। सबसे पहले, ठंडे पानी के बजाय गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। नहाने के दौरान पानी को धीरे-धीरे पूरे शरीर पर डालें, ताकि अचानक ठंडे पानी का असर न हो। इसके अलावा, नियमित व्यायाम करने से रक्त संचार सामान्य रहता है, जो दिल को मजबूत करता है। अगर आपको उच्च रक्तचाप या मधुमेह जैसी समस्या है, तो समय-समय पर चिकित्सकीय जांच करवाएं और शरीर के किसी भी असामान्य संकेत पर ध्यान दें, जैसे सीने में दर्द, चक्कर आना या सांस में कठिनाई। इस प्रकार, उचित जागरूकता और सावधानियों से बाथरूम में दिल के दौरे को रोका जा सकता है। मालूम हो कि सर्दियों में दिल का दौरा और कार्डियक अरेस्ट की घटनाओं में तेजी से वृद्धि होती है। खासकर बाथरूम में नहाते वक्त हार्ट अटैक की घटनाएं अधिक सामने आती हैं। यह चिंता का विषय है कि बाथरूम में ऐसा क्यों होता है? विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थिति के कारणों को समझना और इससे बचाव के उपायों को जानना बेहद महत्वपूर्ण है। हार्ट अटैक का मुख्य कारण शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का उच्च स्तर होना है। जब कोलेस्ट्रॉल 200 से ज्यादा हो जाता है, तो दिल का दौरा पड़ने का खतरा बहुत बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का वसा है, जो खासतौर पर नॉनवेज और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है। जो लोग अधिक तैलीय खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, उनमें ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर का बढ़ना आम बात है। इसके अलावा, उच्च रक्तचाप, अधिक रक्त शर्करा, धूम्रपान, और मानसिक तनाव जैसे कारक भी दिल की बीमारियों को बढ़ावा देते हैं। सुदामा/ईएमएस 15 जनवरी 2025