-ज्यादा हेकड़ी दिखाओगी, तो पुलिस बुलाकर फेंकवा दूंगा छत्तीसगढ़ की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। इस बार विवाद के केंद्र में हैं राज्य के उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, जिनके बयान और व्यवहार को लेकर व्यापक आलोचना हो रही है। फ्लोरा मैक्स कंपनी के फ्रॉड से प्रभावित महिलाओं के आंदोलन और मंत्री के जवाब ने न केवल राजनीतिक हलकों में चर्चा पैदा की है, बल्कि आम जनता का भी ध्यान आकर्षित किया है। फ्लोरा मैक्स कंपनी पर हजारों महिलाओं को ठगने का आरोप है। कंपनी ने अपने निवेशकों को उच्च रिटर्न का लालच देकर पैसे जमा कराए और फिर कथित रूप से अपनी गतिविधियों को बंद कर दिया। इससे परेशान महिलाएं कोरबा में पांच दिनों से प्रदर्शन कर रही थीं। 10 जनवरी को, जब उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन और आदिम जाति कल्याण मंत्री राम विचार नेताम कोरबा में एक आदिवासी कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे, तो प्रदर्शनकारी महिलाओं ने उनकी गाड़ी का घेराव कर अपनी शिकायतें सामने रखीं। लगभग तीन घंटे तक महिलाओं द्वारा घेराव के बाद, मंत्री देवांगन ने अपना आपा खो दिया और कथित तौर पर कहा चुपचाप रहो... शांति से बात कर रहे हैं, शासन प्रशासन सहयोग कर रहा है। ज्यादा हेकड़ी दिखाओगी तो पुलिस बुलाकर फेंकवा दूंगा। उनके इस बयान ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को आहत किया और सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया। इस घटना को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला किया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि ठगी करने वाली कंपनियों से भाजपा नेताओं का ही नाम जुड़ता है। फ्लोरा मैक्स का उद्घाटन करने में उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन का नाम आ रहा है। भाजपा सरकार में चिटफंड कंपनियों के कार्यालय का उद्घाटन भाजपा नेताओं ने ही किया था। लूट-खसोट में भागीदारी भाजपा की पहचान बन गई है। पूर्व पीसीसी चीफ धनेन्द्र साहू ने मंत्री पर महिलाओं के प्रति अहंकारपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाते हुए कहा सत्ता के नशे में मंत्री देवांगन महिलाओं की बात सुनने के बजाय उन्हें धमका रहे हैं। प्रदेश की जनता इस अहंकार का जवाब 2028 के चुनाव में देगी। इन बयानों भाजपा महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने भूपेश बघेल को निशाने पर लेते हुए कहा जिनके मुख्यमंत्री काल में छत्तीसगढ़ ने ठगी के मामलों में नाम कमाया, वह आज इस पर सवाल उठा रहे हैं। महिलाओं के साथ ठगी हुई है, तो जांच होगी, लेकिन हर बार कांग्रेस के आरोपों के पीछे उसकी अपनी भूमिका निकलती है। उन्होंने बघेल को “ट्विटर बॉय” कहते हुए उन पर गैरजिम्मेदाराना बयानबाजी का आरोप लगाया। विवाद को और हवा तब मिली जब फ्लोरा मैक्स कंपनी के उद्घाटन से जुड़ी एक तस्वीर वायरल हुई। इस तस्वीर में मंत्री लखनलाल देवांगन को उद्घाटन करते हुए दिखाया गया। हालांकि, बाद में उत्कर्ष बैंक के प्रबंधक मिश्रा ने स्पष्ट किया कि यह तस्वीर फ्लोरा मैक्स की नहीं, बल्कि उत्कर्ष बैंक के एक कार्यक्रम की है। यह तस्वीर 21 सितंबर 2024 को उत्कर्ष बैंक की वर्षगांठ की है, जहां मंत्री देवांगन आमंत्रण पर आए थे। इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में चिटफंड और निवेश घोटाले कोई नई बात नहीं हैं। पिछले एक दशक में कई ऐसी कंपनियां आईं, जिन्होंने गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को धोखा दिया। फ्लोरा मैक्स भी इसी कड़ी का हिस्सा है। घोटाले से पीड़ित महिलाएं इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रही हैं। उनका आरोप है कि प्रशासन और सरकार इस मामले में उदासीनता दिखा रही है। फ्लोरा मैक्स घोटाले से प्रभावित महिलाओं का आंदोलन न केवल भ्रष्टाचार और प्रशासनिक उदासीनता की ओर इशारा करता है, बल्कि यह महिलाओं की बढ़ती जागरूकता और उनके अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक भी है। फ्लोरा मैक्स घोटाला और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन के बयान ने छत्तीसगढ़ की राजनीति को नए सिरे से उबाल दिया है। जहां कांग्रेस इसे बीजेपी सरकार की विफलता के रूप में देख रही है, वहीं बीजेपी इसे कांग्रेस की साजिश बता रही है। यह मामला प्रशासनिक जवाबदेही, महिलाओं के अधिकार, और राजनीतिक नैतिकता जैसे मुद्दों पर महत्वपूर्ण बहस को जन्म देता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में इस मुद्दे पर राजनीतिक दल और समाज किस दिशा में आगे बढ़ते हैं। ईएमएस/ 14 जनवरी 25