गरियाबंद(ईएमएस)। जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत 24 घंटे इमरजेंसी सेवा देने वाली महतारी एक्सप्रेस (डायल 102) कुप्रबंधन का शिकार हो गई है। जिले में दो स्वास्थ्य केंद्र—उरमाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी)—पिछले डेढ़ माह से केवल एक एंबुलेंस और एक चालक के सहारे चल रहे हैं। इसके कारण 177 प्रसव मामलों में केवल 39 प्रसूताओं को ही इमरजेंसी सुविधा मिल सकी, जबकि 138 महिलाओं को निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ा। दिसंबर में चालक की लापरवाही के चलते उरमाल पीएचसी की महतारी एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। वाहन को मरम्मत के लिए गैरेज भेजा गया और चालक को हटा दिया गया। इसके बाद से दोनों स्वास्थ्य केंद्र केवल एक एंबुलेंस और चालक सत्या पर निर्भर हो गए। 1 दिसंबर से 10 जनवरी तक, उरमाल पीएचसी में 117 संस्थागत प्रसव हुए, जिनमें से सिर्फ 22 को महतारी एंबुलेंस की सुविधा मिली। वहीं, देवभोग सीएचसी में 60 प्रसव में से 17 को ही सेवा मिल पाई। राज्य सरकार ने साईं राम टेक्नो मैनेजमेंट के साथ महतारी एक्सप्रेस सेवा के लिए अनुबंध किया है, जिसके तहत एक एंबुलेंस के लिए दो चालक और दो मेडिकल लैब टेक्नीशियन (एमएलटी) रखने का प्रावधान है। इसके बावजूद, जिले में एक ही चालक और एंबुलेंस की व्यवस्था चल रही है। गरियाबंद सीएमएचओ गार्गी यदु पाल ने बताया कि वाहन खराब होने की जानकारी पर अनुबंधित संस्था को सुधार के निर्देश दिए गए थे। जल्द ही समीक्षात्मक बैठक में स्थिति की विस्तृत जानकारी लेकर व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी। जिला समन्वयक एस मूर्ति ने कहा कि जल्द ही एक और चालक की नियुक्ति की जाएगी। सभी अटेंड किए गए कॉल पर सेवा दी गई है, और स्थिति में सुधार के लिए संस्था के साथ समन्वय बनाया जाएगा। सत्यप्रकाश(ईएमएस) 14 जनवरी 2025