जिम्मेदार, अधिकारियों की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल जबलपुर (ईएमएस) । जबलपुर स्थित गैलेक्सी हॉस्पिटल का नाम स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में लगातार विवादों में घिरा रहा है। यह संस्थान स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के बजाय मुनाफाखोरी, आपराधिक लापरवाहियों और भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। बार-बार गंभीर आरोप लगने और जांच रिपोर्ट्स में दोषी पाए जाने के बावजूद, अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई न होने से प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिरकार, ऐसी घटनाओं के बाद भी यह अस्पताल कैसे चल रहा है और इसे संरक्षण कौन दे रहा है? 65 मरीजों की जान से खिलवाड़ 22 अप्रैल 2021 को कोरोना महामारी के चरम पर जब मरीजों को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत थी, गैलेक्सी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन आपूर्ति ठप हो गई, जिससे 5 मरीजों की दर्दनाक मौत हो गई। इस दौरान, अस्पताल का स्टाफ अस्पताल में भर्ती 65 मरीजों को उनके हाल पर छोड़कर भाग गया। जांच में यह सामने आया कि अस्पताल ने स्वीकृत संख्या से अधिक मरीजों को भर्ती किया था। जांच समिति के मुताबिक, गैलेक्सी हॉस्पिटल में स्वीकृत संख्या से अधिक कोरोना मरीजों का एडमिशन किया गया था। उस वक्त रात में अस्पताल में जिम्मेदार मैनेजर उपलब्ध ही नहीं था। इसके अलावा ऑक्सीजन सप्लाई करने के लिए नियुक्त ऑक्सीजन सुपरवाइजर पूरी तरह प्रशिक्षित नहीं था। और, सबसे बड़ा मुख्य कारण घटना के समय अस्पताल के कर्मचारी भाग गए और मरीजों को देखने वाला कोई नहीं बचा था। घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा रेड क्रॉस सोसायटी के माध्यम से 25 लाख रुपये के दान पर भी सवाल उठाए गए थे। पूरे मामले में एफआईआर भी सवालों से घिरी रहीं जिसमें चिकित्सकों के बजाए अस्पताल के महज दो छोटे कर्मचारियों को आरोपी बना दिया गया था। गलत रक्त चढ़ाने से महिला की किडनी खराब एक और गंभीर लापरवाही 31 अक्टूबर 2022 को सामने आई, जब नरसिंहपुर निवासी सविता कौरव को गलत रक्त चढ़ाने से उनकी किडनी खराब हो गई। उनके पति ने इसकी शिकायत की, लेकिन मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। आयुष्मान कार्ड धारक से अवैध वसूली हाल ही में, आयुष्मान योजना के तहत इलाज कराने आए एक मरीज से 41,000 रुपये अवैध रूप से वसूले गए। यह मामला जब मुख्यमंत्री तक पहुंचा, तो अस्पताल पर 82,000 रुपये का जुर्माना लगाकर कार्रवाई की गई। मरीज का पैसा लौटाया गया, लेकिन ऐसी घटनाएं यह दिखाती हैं कि गरीब और जरूरतमंद मरीजों को ठगने में ये संस्थान पीछे नहीं हटते। प्रशासन की उदासीनता पर सवाल इतने गंभीर मामलों के बावजूद गैलेक्सी हॉस्पिटल के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होना प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। इतने गंभीर अपराधों और लापरवाहियों के बावजूद, गैलेक्सी हॉस्पिटल जैसे संस्थान बिना किसी ठोस कार्रवाई के लगातार संचालित हो रहे हैं। अब तो शहरवासियों के जेहन में भी ये सवाल कौंधने लगे हैं कि इस तरह की आपराधिक स्तर की लापरवाहियों के बाद भी आखिर किसके प्रश्रय में इस तरह अस्पताल की शक्ल में दुकानें संचालित की जा रही हैं। ईएमएस/11जनवरी24