नई दिल्ली, (ईएमएस)। आज के दौर में हर घर में छोटी मोटी बातों को लेकर झगड़े होते रहते हैं। लेकिन अब ये झगड़े ऐसे बढ़ गए हैं कि माता-पिता को उनके ही बच्चे ओल्ड एज होम पहुंचा दे रहे हैं। घर में बुर्जुगों का रहना बच्चों को अब नापसंद हो गया है। वह अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम की राह पकड़ाते हैं। इस वजह से बुर्जुगों में तनाव बढ़ता जा रहा है। घर में बड़ों का दखल देना यह टोकाटाकी और गुस्सा बच्चे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। बड़ों के दखल से परेशान होकर अब बच्चे उनको ओल्ड एज होम छोड़कर चले आ रहे हैं। ओल्ड एज होम में रहते हुए बुर्जुगों को तनाव घेर ले रहा है। स्वाभाविक है जब घर में बढ़े होते हैं तो वह कुछ बातों पर टोकते हैं तो कुछ बातों पर गुस्सा भी होते हैं। लेकिन आजकल के बच्चों को यह सब पसंद नहीं आ रहा है।इतना ही नहीं आज के दौर में ज्वाइंट फैमिली का कॉन्सेप्ट धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। ज्वाइंट फैमिली में फाइनेंशियल प्रॉब्लम होती है। जब लड़ाई धीरे-धीरे बढ़ती है तो इसकी गाज बड़ों पर ही गिरती है। अपने माता पिता से तंग आकर बच्चे उन्हें ओल्ड एज होम छोड़कर चले आते हैं। बड़े शहरों में यह समस्या अब आम हो चुकी है। यही कारण है कि घर के झगड़े ओल्ड ऐज होम में रहने वाले 60 प्लस में तनाव बढ़ने की समस्या एक आम समस्या है। झगड़े से कैसे बचें? घर के झगड़े को कम करने के लिए संवाद में सुधार करना सबसे अहम है। संवाद से झगड़ों को कम किया जा सकता है। झगड़े शांत करने के लिए वित्तीय समस्याओं का समाधान करना बहुत जरूरी है। फाइनेंशियल प्रॉब्लम की वजह से झगड़े होते हैं। जिन्हें बात करके खत्म किया जा सकता है। इसके साथ ही व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान करना सबसे जरूरी है। ऐसे में पर्सनल प्रॉब्लम को बैठकर सुलझाना ही बेहतर है। सबसे अहम आज के दौर में प्रॉपर्टी की प्रॉब्लम ही सबसे बड़ा झगड़े की वजह आदि हैं इनका समाधान ढूंढें। सुभाष/ईएमएस 11 जनवरी 2025