नई दिल्ली (ईएमएस)। आमतौर पर लोग सोचते हैं कि बुखार में नहाना या ठंडे पानी से स्नान करना शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार, गुनगुने पानी से नहाना इस समय में लाभकारी हो सकता है, बशर्ते इसे सही तरीके से किया जाए। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, बुखार और सर्दी-जुकाम के दौरान नहाने का तरीका व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है। बुखार के दौरान शरीर का तापमान बढ़ जाता है और सर्दी-जुकाम में शरीर में हल्की हरारत महसूस होती है। ऐसे में, गुनगुने पानी से स्नान करने से शरीर के तापमान को सामान्य किया जा सकता है। यह न केवल शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है, बल्कि रक्त परिसंचरण में भी सुधार करता है, जिससे मांसपेशियों को आराम मिलता है और व्यक्ति को राहत महसूस होती है। हल्के गुनगुने पानी से नहाना बुखार के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है और व्यक्ति को अधिक आरामदायक बना सकता है। सर्दी-जुकाम के दौरान भी गुनगुने पानी से स्नान करना लाभकारी हो सकता है। यह त्वचा को साफ रखने और हाइजीन बनाए रखने में मदद करता है, जो संक्रमण से बचाव में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, यह पसीने और बैक्टीरिया को भी नष्ट करता है। गुनगुने पानी से स्नान करने से मानसिक तनाव भी कम हो सकता है, क्योंकि यह “फील गुड” हार्मोन का स्तर बढ़ाता है, जो मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। हालांकि, ठंडे पानी से नहाना बुखार के दौरान हानिकारक हो सकता है, क्योंकि इससे शरीर का तापमान अचानक गिर सकता है और ठंड लगने का खतरा बढ़ सकता है। इसके विपरीत, अत्यधिक गर्म पानी से स्नान करने से भी बचना चाहिए क्योंकि इससे शरीर के तापमान में अत्यधिक वृद्धि हो सकती है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा, कई अध्ययन और शोध बताते हैं कि हाइड्रोथेरपी, यानी पानी के माध्यम से उपचार, बुखार और सर्दी-जुकाम के इलाज में प्रभावी हो सकती है। गुनगुने पानी से स्नान करने से शरीर को आराम मिलता है, रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और मांसपेशियों को राहत मिलती है। आयुर्वेद में भी नहाने का महत्व बताया गया है, खासकर बुखार के दौरान गुनगुने पानी से स्नान को शरीर के लिए फायदेमंद माना गया है। सुदामा/ईएमएस 11 जनवरी 2025