ज़रा हटके
11-Jan-2025
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केनबरा (ईएमएस)। मोनाश यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में यह पता चला है कि कैसे भूकंप के दौरान क्वार्ट्ज खनिज सोने में बदल जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह शोध सोने के भूकंपीय उत्पत्ति के बारे में हमारी पुरानी समझ को चुनौती दे सकता है और इसे एक नया दृष्टिकोण प्रदान कर सकता है। मोनाश यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक प्रयोग के दौरान भूकंपीय तनाव की नकल की और क्वार्ट्ज से सोने के कण निकाले। उनके अनुसार, जब भूकंप के दौरान विद्युत क्षेत्र उत्पन्न होता है, तो यह क्षेत्र क्वार्ट्ज की सतह पर छोटे-छोटे सोने के कण छोड़ता है। इस प्रक्रिया को पीजोइलेक्ट्रिक इफेक्ट कहा जाता है, जो भूकंप के दबाव से उत्पन्न होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, जब भूकंप के कारण क्वार्ट्ज में दरारें पड़ती हैं, तो इन दरारों में सोना बनता है। यह पीजोइलेक्ट्रिक वोल्टेज इस सोने के निर्माण के लिए आवश्यक विद्युत क्षेत्र को उत्पन्न करता है, जिससे सोने के कण बनते हैं। यह शोध सोने के निर्माण की प्रक्रिया को अधिक स्पष्ट करता है और यह बताता है कि कैसे भूकंप के दौरान क्वार्ट्ज में सोना बनता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह खोज पुराने सिद्धांतों को चुनौती देती है और सोने के नए भंडारों की पहचान करने में मदद कर सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह शोध सोने की उत्पत्ति और इसके निर्माण की प्रक्रिया के बारे में एक नई समझ प्रदान करता है। क्वार्ट्ज, जो सिलिकॉन और ऑक्सीजन से बना एक क्रिस्टलीय खनिज है, पृथ्वी की पपड़ी में पाया जाता है। हाइड्रोथर्मल तरल पदार्थ जब इस खनिज में भरते हैं, तो उसमें सोना घुल जाता है। भूकंप के दबाव से क्वार्ट्ज में उत्पन्न विद्युत क्षेत्र सोने के निर्माण की प्रक्रिया को तेज करता है। सुदामा/ईएमएस 11 जनवरी 2025