राष्ट्रीय
10-Jan-2025


भुवनेश्वर (ईएमएस)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और इसे देश की विदेश नीति में शामिल किया। प्रवासी भारतीय दिवस पर ‘नारी शक्ति: महिला नेतृत्व और प्रभाव का जश्न’ विषय पर आयोजित पैनल में बोलते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास भारत की विदेश नीति का हिस्सा रहा है और उन्होंने समाज के सभी पहलुओं में महिलाओं को शामिल करने की आवश्यकता और विकसित भारत की ओर बढ़ने की भारत की यात्रा में महिलाओं की भूमिका पर जोर दिया। जी-20 शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, “जब हमने G20 की अध्यक्षता की थी, तो हमने महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए बहुत मजबूत तरीके से जोर दिया और अंततः इसे G20 वैचारिक ढांचे में स्वीकार किया गया।” उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य के शिखर सम्मेलन के दौरान इस विचार को बहुत जोरदार तरीके से आगे बढ़ाया गया। उन्होंने आगे कहा “हम खास तौर पर वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ बहुत सारे विकास सहयोग करते हैं। हम 78 देशों में परियोजनाओं और क्षमता निर्माण के माध्यम से अलग-अलग तरीकों से मौजूद हैं और हमारी कई परियोजनाओं में लैंगिक रूप से संवेदनशील मुद्दे, महिलाओं की समानता और उनके लिए अवसर लक्षित हैं। इसलिए यह हमारी विदेश नीति में बहुत हद तक अंतर्निहित है” महिलाओं के विकास के बारे में बात करते हुए, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि “यदि आप इन मुद्दों को संबोधित नहीं करते हैं तो आप विकसित भारत की ओर प्रगति नहीं कर सकते हैं। यदि भारत को एक आधुनिक, औद्योगिक, तकनीक-केंद्रित समाज बनना है तो हम 50 प्रतिशत प्रतिभाओं की उपेक्षा नहीं कर सकते हैं”। उन्होंने रोल मॉडल के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि उन्हें ट्रेंड में बदलने की आवश्यकता कैसे है। “यदि उन्हें दोहराया जाता है, आंतरिक रूप दिया जाता है, सामान्यीकृत किया जाता है, तो वे वास्तव में समाज पर एक परिवर्तनकारी प्रभाव डालते हैं”। अपने समापन भाषण में उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ विकासशील भारत को मापने का पैमाना जीडीपी और बुनियादी ढांचे के माध्यम से है, वहीं दूसरी तरफ जब तक हम प्रगति के मानवीय पक्ष को संबोधित नहीं करते, यह सतही है। सुबोध/१०-०१-२०२५