-मामला विकास सहकारी बैंक लिमिटेड में 85 करोड़ के फ्रॉड लोन से जुड़ा पटना,(ईएमएस)। बिहार में आरजेडी नेता और पूर्व मंत्री आलोक मेहता के ठिकानों पर ईडी ने छापा मारा है। सूत्रों के मुताबिक, लोन फ्रॉड से जुड़े मामले में ईडी ने यह कार्रवाई की है। इस मामले में फर्जी लोन खातों, जाली दस्तावेजों और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए गए हैं। ईडी ने बिहार समेत देश में 18 ठिकानों पर छापेमारी की है। जानकारी के मुताबिक पटना जोनल ऑफिस की ED टीम ने 85 करोड़ रुपए के लोन फ्रॉड मामले में बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के करीब 18 स्थानों पर छापे मारे हैं। यह कार्रवाई बैंक के तत्कालीन सीईओ, चेयरमैन, अन्य कर्मचारियों और कुछ लाभार्थियों के ठिकानों पर है। यह मामला वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक लिमिटेड में 85 करोड़ रुपए के लोन से जुड़ा है। इस मामले में आरजेडी विधायक आलोक मेहता के यहां ईडी ने छापा मारा। आरोप है करीब 400 फर्जी लोन खातों को खोलकर नकली और जाली वेयरहाउस और एलआईसी रिसीट्स के आधार पर फंड को फर्जी तरीके से बांटा गया है। आलोक मेहता की व्यावसायिक इकाइयों की इस फ्रॉड मामले में संलिप्तता पाई गई है, उनके ठिकानों पर भी तलाशी जारी है। अन्य लाभार्थियों और उन व्यक्तियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है, जिन्होंने बैंक अधिकारियों को पैसों के गबन में मदद की और बाद में इन पैसों को छिपाने और मनी लॉन्ड्रिंग में सहायक बने। यह मामला सार्वजनिक धन के गबन और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है, जिसमें कई उच्च स्तरीय अधिकारियों और लाभार्थियों की संलिप्तता सामने आई है। आरजेडी नेता आलोक मेहता पर आरोप है कि उन्होंने न केवल बैंक अधिकारियों की मदद की, बल्कि सार्वजनिक धन की हेराफेरी और मनी लॉन्ड्रिंग में भी भूमिका निभाई है। सभी संबंधित व्यक्तियों और उनके व्यावसायिक साझेदारों पर शिकंजा कसा जा रहा है। ईडी अब छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेजों और साक्ष्यों की जांच कर रही है। इस मामले में अन्य बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं। सिराज/ईएमएस 10जनवरी25