वाशिंगटन (ईएमएस)। शिक्षा के स्तर को सुधारने कई देशों ने स्कूलों में मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। स्कूल में स्मार्टफोन लेकर आने वाले बच्चों में एकाग्रता की कमी देखी जाती है। उनका मुख्य फोकस फोन पर आने वाले नोटिफिकेशन, सोशल मीडिया और गेम्स पर रहता है। यह कदम छात्रों को डिजिटल डिवाइस से दूर रखने और उन्हें शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास के लिए बेहतर माहौल प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। एक रिसर्च में 70 प्रतिशत शिक्षकों ने माना कि क्लास में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से बच्चे पढ़ाई में ध्यान नहीं दे पाते हैं। अमेरिका के न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया और टेक्सास जैसे राज्यों में क्लास में फोन लाने की अनुमति नहीं है। अगर कोई स्टूडेंट फोन लेकर आता है तो उसे स्कूल प्रशासन के पास उसे जमा करवाना पड़ता है। फ्रांस ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए स्कूल परिसरों में मोबाइल फोन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। इसी तरह, जर्मनी, पोलैंड और इटली जैसे यूरोपीय देशों में भी कई स्कूलों ने मोबाइल फोन के उपयोग को सख्ती से नियंत्रित किया है। चीन और जापान जैसे एशियाई देशों में स्कूलों में मोबाइल फोन लाने की अनुमति नहीं है। सिंगापुर और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने भी इस दिशा में कठोर नीतियां अपनाई हैं। अमेरिका और कनाडा में भी कई स्कूलों ने मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लागू किया है। इन देशों का मानना है कि मोबाइल फोन के कारण छात्र कक्षाओं में ध्यान नहीं दे पाते और उनका शैक्षणिक प्रदर्शन प्रभावित होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम छात्रों की शिक्षा पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, साथ ही उन्हें सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल गतिविधियों के दुष्प्रभावों से बचा सकता है। हालांकि, कुछ अभिभावकों और संगठनों का मानना है कि छात्रों को मोबाइल फोन लाने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि वे किसी आपात स्थिति में संपर्क कर सकें। इसके बावजूद, स्कूल प्रशासन यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि छात्रों की सुरक्षा और शिक्षा के बीच संतुलन बनाया जाए। सुदामा/ईएमएस 10 जनवरी 2025