राष्ट्रीय
09-Jan-2025
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संत कौशल गिरि की भागवत कथा से प्रभावित था परिवार प्रयागराज,(ईएमएस)। महाकुंभ मेला 13 जनवरी से प्रयागराज में शुरू होने जा रहा है, और इस मौके पर एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया है। दरअसल आगरा से आए एक दंपती ने अपनी 13 साल की बेटी को जूना अखाड़े को दान कर दिया, ताकि वह साध्वी बन सके। राखी सिंह, जो आगरा के स्प्रिंग फील्ड इंटर कॉलेज में कक्षा 9 की छात्रा है, ने साध्वी बनने की इच्छा जाहिर की थी, उसकी इच्छा को उसके माता-पिता ने पूरी किया। राखी की इच्छा का सम्मान करते हुए उसके माता-पिता ने राखी को जूना अखाड़े को दान करने का फैसला लिया। गंगा स्नान के बाद, जूना अखाड़े के संत कौशल गिरि ने राखी को वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच शिविर में प्रवेश कराया और उसका नया नाम गौरी रखा। अब गौरी का पिंडदान 19 जनवरी को किया जाएगा, और उसके बाद वह जूना अखाड़े के गुरु परिवार का हिस्सा बनेगी। राखी के पिता, संदीप सिंह ने बताया कि वह और उनकी पत्नी संत कौशल गिरि से पिछले चार वर्षों से जुड़े हुए हैं। संत गिरि ने उनके मोहल्ले में भागवत कथा कराई थी, जिसके बाद उनके परिवार के मन में भक्ति की गहरी भावना पैदा हुई। तभी राखी ने साध्वी बनने की इच्छा जाहिर की थी। संदीप सिंह ने बताया कि परिवार ने अपनी बेटी की इच्छा का सम्मान करते हुए राखी को साध्वी बनने का मार्ग दिखाया। जूना अखाड़े के महंत गिरि ने फैसले का स्वागत कर कहा कि यदि राखी भविष्य में और पढ़ाई करना चाहती है, तब गौरी को आध्यात्मिक शिक्षा दी जाएगी। यह घटना एक नई परंपरा को जन्म देती है, जिसमें एक परिवार ने अपनी बेटी को साध्वी बनने की प्रेरणा दी। यह साबित करता है कि आजकल के युवा अपनी इच्छाओं के मुताबिक जीवन को नई दिशा देने के लिए तैयार हैं।