:: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया चार दिवसीय प्लास्टिक उद्योग सम्मेलन प्लास्टपैक 2025 का शुभारंभ :: :: प्लास्टिक उद्योग से जुड़ी 400 से अधिक कंपनियां और 2 हजार से अधिक प्रदर्शक ले रहे है हिस्सा :: इन्दौर (ईएमएस)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में प्लास्टिक उद्योग के विकास की अपार संभावनाएं हैं। यह उद्योग का नया क्षेत्र है और इसका बड़ा बाजार है। इस उद्योग में रोजगार की भी बेहतर और बड़े अवसर हैं। प्लास्टिक उद्योग के विकास के लिए इसके दुष्प्रभाव को दूर करते हुए तथा सावधानी रखते हुए आगे बढ़ेंगे। प्लास्टिक के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए रियूज और वेस्ट मैनेजमेंट को बढ़ावा दिया जाएगा। रियूज और वेस्ट मैनेजमेंट की तकनीक को विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की मदद भी ली जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज से इन्दौर में प्रारंभ हुए प्लास्टिक उद्योग सम्मेलन प्लास्टपैक 2025 को संबोधित कर रहे थे। यह सम्मेलन 12 जनवरी तक उद्योग मेले के रूप में चलेगा। इसमें प्लास्टिक उद्योग से जुड़ी 400 से अधिक कंपनियां और 2 हजार से अधिक प्रदर्शक हिस्सा ले रहे हैं। यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) के सहयोग से हो रहा है। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला तथा मधु वर्मा, महापौर परिषद के सदस्य अभिषेक शर्मा तथा इंडियन प्लास्टपेक फोरम के चेयरमेन सचिन बंसल आदि मौजूद थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्लास्टिक उद्योग के विकास की प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। इस उद्योग के विकास में पूरी मदद दी जाएगी। बदलते दौर में प्लास्टिक का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। यह जीवन उपयोगी भी है। प्लास्टिक ने अपनी उपयोगिता कोविड काल में साबित की है। यह जीवन रक्षक के रूप में सामने आया है। कोविड के दौरान पीपीई किट हो या मॉस्क आदि में प्लास्टिक का उपयोग हुआ है। जीवन में इसकी उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता है। प्लास्टिक के दुष्प्रभाव भी हैं। इन दुष्प्रभावों को दूर करने के प्रयास होंगे। पर्यावरण की चिंता भी रखी जायेगी। डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास को नई गति और नइ दिशा दी जा रही है। प्रदेश में औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए रिजनल स्तर पर इन्वेस्टर समिट आयोजित किये जा रहे हैं। इसके बेहतर परिणाम भी मिल रहें हैं। प्रदेश में अब तक 6 रिजनल इन्वेस्टर समिट आयोजित हो चुकी है। इनके माध्यम से चार लाख करोड़ रूपये का निवेश प्रदेश में आया है। इससे लगभग तीन लाख लोगों को रोजगा मिलेगा। उक्त निवेश से प्रदेश में 200 करोड़ रूपये का राजस्व भी प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में गुजरात मॉडल पर तेजी से विकास किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्जवलित कर किया। उन्होंने सम्मेलन में लगाये गये स्टॉलों का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में इंडियन प्लास्ट पैक फोरम के चेयरमेन सचिन बंसल ने स्वागत भाषण देते हुए आयोजन के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) के साझा प्रयासों से आयोजित इस विशाल सम्मेलन में 400 से अधिक कंपनियां अपनी नवीनतम तकनीक, उत्पाद और नवाचारों का प्रदर्शन कर रही हैं। इस आयोजन में 2 हजार से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे है। एक्जीबिशन सेंटर को छह अलग अलग डोम में विभाजित किया गया है, जहां लाइव मशीनों और उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है। यह सम्मेलन व्यापारियों और उद्यमियों के लिए तो एक मंच है ही, साथ ही छात्रों, शोधकर्ताओं और पर्यावरणविदों के लिए भी एक ज्ञानवर्धक अनुभव प्रदान करेगा। :: 700 करोड़ रू. की मशीनों की बिक्री का लक्ष्य ; 45 करोड़ प्री-बुकिंग हुई :: इंडियन प्लास्टपैक फोरम के अध्यक्ष सचिन बंसल ने बताया कि इस आयोजन के माध्यम से हम मध्यप्रदेश को एक औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करना चाहते है। प्लास्ट पैक 2025 का 700 करोड़ रुपये की मशीनों की बिक्री का लक्ष्य है जिसमे एक्जीबिशन शुरू होने से पहले ही 45 करोड़ की मशीनों की प्री बुकिंग हो चुकी थी और अब तक कुल 200 करोड़ का रेवेन्यु जनरेट हुआ है। हर्ष की बात तो यह है कि 65 हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन पहले दिन तक हो चुके है और अगले चार दिन में 1 लाख से ज्यादा विसिटर्स हम उम्मीद कर रहे हैं। हमारे साथ मध्यप्रदेश से 70 से ज्यादा एक्जिबिटर्स है जिसमे लगभग 50 एक्जिबिटर्स केवल इन्दौर के है, वही दूसरी तरफ जापान, जर्मनी, अमेरिका जैसे और भी इंटरनेशनल एक्जिबिटर्स इस आयोजन का हिस्सा हैं। हम इस प्रदर्शनी के माध्यम से स्थानीय उद्यमियों को अपने राज्य में ही औद्योगिक सुविधाएं देना चाहते है, जिससे उनके समय और पैसे की बचत होगी। साथ ही, मध्यप्रदेश को जीएसटी और अन्य औद्योगिक लाभ भी प्राप्त होंगे। इससे स्थानीय उद्यमियों को बड़े फायदे होंगे।” :: इंडियन प्लास्टपैक फोरम की मुख्यमंत्री से मांग :: इंडियन प्लास्टपैक फोरम के अध्यक्ष सचिन बंसल ने कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि एक बड़ा एक्जीबिशन सेंटर इन्दौर में होना चाहिए, ताकि इसे बड़े आयोजन सुगमता से किए जा सकें। इंटरनेशनल कार्गो एयरपोर्ट इन्दौर के आसपास हो जहाँ से दुनिया भर के क्षेत्रों से इन्दौर सीधे तौर पर जुड़ पाए। एक प्लास्टिक पार्क, इन्दौर के आसपास हो ताकि उद्योग इकोसिस्टम में आ सके और उन्हें रॉ मटेरियल उपलब्ध हो सके। सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ़ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी (सिपेट) इन्दौर में हो ताकि वेस्ट मेनेजमेंट पर और भी वृहद स्तर पर काम किया जा सके। :: जॉब फेयर और सेमिनार के माध्यम से छात्रों को मिलेंगे रोजगार के नए अवसर :: म.प्र. इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजेश राठौर ने बताया कि इन्दौर मध्य प्रदेश की प्लास्टिक इंडस्ट्रीज का एक प्रमुख केंद्र है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य आस पास की सारी प्लास्टिक इंडस्ट्री को एक मंच पर इकठ्ठा करना है। इस आयोजन के माध्यम से नए और स्थापित उद्यमियों को रॉ मटेरियल, मशीनरी, और मार्केटिंग के साधन एक ही स्थान पर मिलेंगे जिससे वे अपनी इंडस्ट्री को एक पैकेज दे पाएंगे, प्लास्टिक उद्योग में आगे जाने वाले लोगो के लिए यह आयोजन फायदेमंद साबित होगा। इस एक्जीबिशन को एक्स्प्लोर कर, वे काफ़ी सारी नई तकनीक सीख सकते है, साथ ही लाइव मशीन स्क्रीनिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और रोबोटिक्स के साथ इस कार्यक्रम में जॉब फेयर और सेमिनार भी आयोजित किए गए हैं, जिससे छात्रों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और स्थानीय व्यापारियों अपनी व्यवसाय के लिए नए अवसर प्राप्त होंगे। इंडियन प्लास्टपैक फोरम के सचिव अंकित भारूका ने कहा कि मध्य प्रदेश का इन्दौर वास्तव में देखा जाए तो भारत के विकास का एक दौर है। भारत के मध्य में बसा यह शहर संभावनाओं को लगातार आकर्षित कर रहा है और इन्हीं संभावनाओं में ‘प्लास्ट पैक 2025’ एक मील का पत्थर बनके उभरा है। प्लास्टिक मनुष्य जीवन की अहम आवश्यकता है, और इसका कितने क्षेत्रों में विस्तार है उसे समझना हो तो वह प्लास्ट पैक फोरम द्वारा आयोजित ‘प्लास्ट पैक 2025’ आयोजन में आ कर देख सकते है। यह आयोजन मध्य प्रदेश में प्लास्टिक इंडस्ट्रीज के बढ़ते हुए वर्चस्व को बताने वाला है, इस प्रदर्शनी से यह स्पष्ट होता है की हमारे देश में किस प्रकार से प्लास्टिक का उपयोग और उत्पादन हो रहा है, हमारे देश ने कितनी तरक्की की है और प्लास्टिक के क्षेत्र में कितने नए-नए आयाम उत्पन्न हुए हैं वह इस आयोजन में देखने को मिल सकता है। यह आयोजन प्रदेश को एक नई दिशा देगा। उमेश/पीएम/9 जनवरी 2025