राष्ट्रीय
09-Jan-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। स्वदेशी रूप से निर्मित प्रोजेक्ट 75 की छठी स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस वाग्शीर नौसेना को मिल गई है जिसे 15 जनवरी को भारतीय समुद्री बेड़े में शामिल किया जाएगा। मुंबई के शिपयार्ड मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) ने आज पनडुब्बी की डिलीवरी की। इस पनडुब्बी का निर्माण अत्याधुनिक तकनीक और भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत किया गया है, जिसमें सभी तरह के घातक हमलों के लिए भारी-भरकम सेंसर और हथियार लगे हैं। आईएनएस वाग्शीर (एस 26) भारतीय नौसेना के लिए छह कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों के पहले बैच की छठी और अंतिम पनडुब्बी है। यह स्कॉर्पीन श्रेणी पर आधारित एक डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बी है, जिसे फ्रांसीसी नौसेना रक्षा और ऊर्जा समूह नेवल ग्रुप ने डिजाइन और मुंबई के शिपयार्ड मझगांव डॉक लिमिटेड ने निर्मित किया है। स्वदेशी रूप से निर्मित पनडुब्बी की डिलीवरी के साथ एमडीएल ने पी75 परियोजना को पूरा करके देश में एकमात्र शिपयार्ड के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया है, जिसके पास पारंपरिक पनडुब्बी का निर्माण करने की सिद्ध क्षमता है। इसमें दुश्मन के रडार से बचने, क्षेत्र की निगरानी, खुफिया जानकारी जुटाने, पानी के अंदर या सतह पर एक ही समय में 18 टारपीडो और ट्यूब-लॉन्च एंटी-शिप मिसाइलों के साथ सटीक निर्देशित हथियारों का उपयोग करके दुश्मन पर विनाशकारी हमला करने की क्षमता है। स्टील्थ प्रौद्योगिकी सक्षम कलवरी श्रेणी की यह पनडुब्बी 221 फीट लंबी, 40 फीट ऊंची है। समुद्र की सतह पर इसकी गति 20 किमी प्रति घंटा और नीचे 37 किमी प्रति घंटा है। इसमें 50 दिनों के लिए 350 मीटर पानी के नीचे डूबने की सीमा है। सुबोध/०९-०१-२०२५