क्षेत्रीय
09-Jan-2025
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भोपाल(ईएमएस)। भोपाल की सेंट्रल जेल में 26 जनवरी से पहले जेल के अंदर ड्रोन कैमरा मिलने से मचे हड़कंप में पुलिस ने अब राहत की सांस ली है। यह ड्रोन एक डॉक्टर का निकला जिन्होनें मीडिया में छपी खबरो के बाद खुद ही पुलिस अफसरो से संपर्क किया था। गौरतलब है कि यह कैमरा हाई सिक्योरिटी बैरिक से करीब दो सौ मीटर दूर उस जगह मिला था, जहां पर नई बैरिक बनाई जा रही है। जानकारी के अनुसार केंद्रीय जेल परिसर स्थित (ब) खंड हाई सिक्योरिटी जोन में आता है, यहां पर खूंखार कैदी और कुख्यात आतंकी बंद हैं। इस बैरिक के पास नई बैरिकों का निर्माण कार्य चल रहा है। बुधवार शाम राउंड लगाने पहुंचे जेल प्रहरी को यहॉ से करीब दो सौ मीटर दूर ड्रोन कैमरा पड़ा मिला। सूचना मिलने पर जेल प्रबंधन और आला अफसर जेल पहुंचे और ड्रोन की जांच शुरू की। ड्रोन के अंदर बैटरी लगी हुई थी, और दो कैमरे भी फिट थे। पुलिस कमिश्नर हरीनारायण चारी मिश्रा ने भोपाल सेंट्रल जेल का निरीक्षण करते हुए सुरक्षा व्यवस्था बनाने के लिये आवश्यक दिशा निर्दिश दिये। निरीक्षण के दौरान ही जेल में मिले संदिग्ध ड्रोन को महावीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में प्रोफेसर डॉक्टर स्विप्नल जैन ने स्वयं का बताया। वह ड्रोन का रिमोट लेकर जेल परिसर में पहुंचे थे। इस रिमोट ड्रोन को ऑपरेट कर पुलिस ने चेक भी किया। हालांकि पुलिस कमिश्नर ने ड्रोन की फोरेंसिक जांच कराने के निर्देश दिए हैं। डॉक्टर ने अधिकारियो को बताया की वह द्वारका धाम में रहते हैं। ड्रोन को उन्होंने बेटे के लिए दिल्ली से खरीदा था। 31 दिसंबर 2024 को वह ड्रोन लेकर आईटी पार्क पहुंचे। यहां बेटे के साथ उन्होंने ड्रोन उड़ाया। ऊंचाई पर जाने के बाद ड्रोन से संपर्क टूट गया। इसके बाद वह लापता हो गया। आस पास काफी तलाशने पर भी ड्रोन नहीं मिला। बाद में मीडिया में जारी खबर और ड्रोन का फोटो देखने के बाद उन्होनें गुरुवार सुबह जेल अफसरो को कॉल कर बताया कि जेल परिसर में मिला ड्रोन उन्हीं का है। ड्रोन खरीदी के दस्तावेज भी उन्होंने पुलिस को सौंपे हैं। उनके द्वारा दिये गये रिमोट से ड्रोन ऑपरेट भी हो रहा था। उन्होंने लिखित पत्र भी सौंपा है, जिसमें ड्रोन स्वयं का होने का दावा किया गया है। जुनेद / 9 जनवरी