राज्य
09-Jan-2025
...


छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव की पत्रकार वार्ता मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी पत्रकार वार्ता को किया संबोधित अमीर 3 से 4 प्रतिशत, जबकि गरीब 64 प्रतिषत जीएसटी का भार वहन कर रहा है: टी.एस. सिंहदेव भोपाल(ईएमएस)। छत्तीसगढ़ सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान जी.एस.टी. चुने हुये अमीरों की, अमीरों के द्वारा, अमीरों के लिये ;(of the rich, by the rich, for the rich) आम आदमी के जेब से पैसे निकाल रही है। श्री सिंह ने कहा कि जी.एस.टी. वर्तमान में जिन प्रावधानों से लागू है उसमें अमीर और अमीर होते जा रहे हैं और मिडिल क्लास एवं निम्न आय वर्ग और अधिक जी.एस.टी. चुका रहा है। उन्होंने कहा कि देश के 10 प्रतिशत अमीर 3 से 4 प्रतिशत जी.एस.टी. कर दे रहे हैं जबकि देश की निचली 50 प्रतिशत आय वर्ग की आबादी 64 प्रतिशत जी.एस.टी. का भार वहन कर रही है जिससे उसके हाथ में जो पैसा वो अपने घर के लिये, परिवार के लिये वहन कर सकती है, वह जी.एस.टी. के रूप में उनसे सरकार ले लेती है। श्री सिंह ने कहा कि कर पटाने में व्यवसाईयों को अत्यधिक दिक्कतें हो रही हैं और वर्तमान में 9 जी.एस.टी. के दर प्रचलन में हैं। इनका सरलीकरण अत्यावश्यक है और अधिकतम 2 या 3 जी.एस.टी. के स्लैब दर होना चाहिये। उन्होंने कहा कि सरकारें आय के स्त्रोत बनाने के लिये वस्तुओं पर जी.एस.टी. बढ़ा रही है, उदाहरण के लिये हाल ही में पोपकॉर्न के 3 अव्यवहारिक दर 5, 12 एवं 18 कर दिये हैं। श्री सिंह ने कहा कि जहाँ मध्यम और निम्न आय वर्ग से अधिक जी.एस.टी. ली जा रही है, वहीं देश के कॉपरेट घरानों को कॉपरेट टैक्स में 2 लाख करोड़ की वार्षिक छूट दी जा रही हैं, निम्न आय वर्ग से जी.एस.टी. लेना पूर्णतः अव्यवहारिक है वहीं कॉपोरेट टैक्स में छूट क्यों दी गई आप स्वयं समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं पर जी.एस.टी. समाप्त होना चाहिये वहीं पैन्सिल जैसी वस्तुओं पर जी.एस.टी. लगाना औचित्यहीन है और स्वास्थ सुरक्षा के लिये जो नागरिक इन्श्योरेन्स कराते हैं उन्हें 18 प्रतिशत जी.एस.टी. देनी पड़ रही है। श्री सिंह ने कहा कि सरकार को जहाँ जी.एस.टी. की दरों का सरलीकरण करना चाहिये, वहीं जी.एस.टी. के दरों के बढ़ाने के बजाए कर चोरी रोक कर उपभोक्ताओं द्वारा दिये गये जी.एस.टी. से राजस्व बढ़ा कर जी.एस.टी. की दरें भी कम की जा सकती हैं साथ ही आमदनी में भी इजाफा किया जा सकता है। जीएसटी पर मुख्य बिंदु - यह सरकार अमीरों की है, अमीरों के लिए है, और अमीरों द्वारा चलाई जा रही है। यह गरीबों और मध्यम वर्ग के खिलाफ काम कर रही है। याद रखें, जीएसटी उपभोग पर लगने वाला कर है। गरीब अपनी आय का अधिकांश हिस्सा खर्च करते हैं, जबकि अमीर अपनी आय का बड़ा हिस्सा बचाते हैं। नतीजतन, जीएसटी का असर गरीबों पर ज्यादा पड़ता है। 2021-22 में कुल जीएसटी संग्रह का लगभग दो-तिहाई (64%) हिस्सा जनसंख्या के निचले 50% से आया, जबकि शीर्ष 10% से केवल 3% आया। यह गरीबों पर लगाया गया कर है जो लगातार बढ़ता जा रहा है। जीवन और स्वास्थ्य बीमा जैसी आवश्यक सेवाओं, जो बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, पर जीएसटी की दर 18% है। मोदी सरकार हर साल यह जश्न मनाती है कि उसने जनता से कितना लिया, और रिकॉर्डतोड़ संग्रह का दावा करती है। लेकिन जब अमीरों की बात आती है, तो उसने 2019 में “रेवड़ी” दे दिया। 2013-14 में एक्साइज और सर्विस टैक्स का संग्रह कॉर्पोरेट टैक्स के राजस्व का 82% था। पीएम मोदी अरबपतियों के लिए टैक्स कटौती सुनिश्चित करते हैं और गरीबों व मध्यम वर्ग के लिए टैक्स बढ़ाते हैं। जीएसटी को समझना इंसानों के लिए असंभव बना दिया गया है। 21 दिसंबर को वित्त मंत्री ने अलग-अलग प्रकार के पॉपकॉर्न पर तीन अलग-अलग दरें – 5%, 12% और 18% – लगाने के निर्णय का बचाव किया। जीएसटी के वास्तुकारों में से एक और पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने इसे “एक राष्ट्रीय त्रासदी” कहा है, जो जीएसटी के गुड एंड सिंपल टैक्स के उद्देश्य का उल्लंघन करता है। स्थिति और भी बदतर है। वर्तमान में विभिन्न उत्पादों के लिए कुल नौ जीएसटी दरें हैं: 0%, 0.25%, 1.5%, 3%, 7.5%, 5%, 12%, 18% और 28%। यदि वाहनों, लक्जरी वस्तुओं, तंबाकू आदि पर उपकर (सेस) को जोड़ें, तो सुब्रमण्यम ने कहा कि 50 (अलग-अलग) सेस दरें हैं। यह दरों की ऐसी जटिलता और भ्रम है जिसने उपभोक्ताओं को चकित कर दिया है और छोटे व्यवसायों के लिए कार्य करना असंभव बना दिया है। लेकिन इस भ्रम का किसी को फायदा हो रहा है। जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (DGGI) द्वारा उजागर किए गए हालिया आंकड़े कर धोखाधड़ी के पैमाने और इसके राजकोषीय नुकसान को दिखाते हैं। ● 2023-24 में जीएसटी की चोरी ● इनपुट टैक्स क्रेडिट धोखाधड़ी सामान्य है, गई, लेकिन वसूली दर केवल 12% है। ● 18,000 धोखाधड़ी वाली संस्थाएं उजागर हुईं, हजारों और ऐसी कंपनियां अभी भी अनदेखी हैं। 2017 में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी जीएसटी का समर्थन करती है लेकिन इसे “पूरी तैयारी और सावधानी के साथ लागू करती।” 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपने न्याय पत्र में एक सरल और ताज़ा जीएसटी 2.0 की वकालत की थी। हाल के महीनों में, मोदी सरकार ने हमारे घोषणापत्र के कई प्रस्तावों को चुराया है और रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन और बेरोजगार युवाओं के लिए एक अप्रेंटिसशिप कार्यक्रम लाया है। अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार हमारे घोषणापत्र से एक और विचार चुराए और आगामी केंद्रीय बजट में जीएसटी 2.0 लाए। पत्रकार वार्ता को मप्र विधानसभा में नेताप्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक, उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, राजीव सिंह और मधु भगत सहित अन्य कांग्रेसजन उपस्थित थे। हरि प्रसाद पाल / 09 जनवरी, 2025