नई दिल्ली (ईएमएस)। एसबीआई द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले वित्त वर्ष 2024-25 में आर्थिक वृद्धि दर देश के अच्छे वृद्धि के दौरान राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के पूर्वानुमान से कम रह सकती है। एनएसओ ने 2024-25 के जीडीपी की वृद्धि दर का अनुमान बताया है, जो एसबीआई के दावे से कम है। इस दावे के बीच का अंतर हमेशा रहा है, पर इस बार यह 0.20-0.30 फीसदी तक हो सकता है। चालू वित्त वर्ष के लिए अब उचित अनुमान के रूप में 6.4 फीसदी की वृद्धि दर बाह्य दिख रही है, लेकिन एसबीआई का कहना है कि यह 6.3 फीसदी भी हो सकती है। आरबीआई का विकास दर का अनुमान 6.6 फीसदी है। अगले वर्ष राजकोषीय घाटे में एक अक्षमता होने की संभावना है, इसलिए सरकार चाहेगी कि उसके अनुरूप व्यवहार करने के संभावना समय पर हो। जीडीपी में सुस्ती की पहली अग्रिम अनुमान सुझाव देती है, लेकिन पहले महीने में चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 4.9 फीसदी हो सकता है। एक अच्छा संकेत है कि निर्यात में भी अच्छी गति है, जो आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। सतीश मोरे/09जनवरी ---