अंतर्राष्ट्रीय
09-Jan-2025
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सैन फ्रांसिसको (ईएमएस)। शॉवर या किसी अन्य नीरस कार्य के दौरान हमारे दिमाग में क्यूं इतनी रचनात्मकता आती है, इस पर शोध हो चुका है और इसके पीछे एक स्पष्ट कारण भी है। यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया के असिस्टेंट प्रोफेसर ज़ैचरी इर्विंग ने इस पर कई अध्ययन किए हैं। उनका कहना है कि जब हम शॉवर लेते हैं या किसी ऐसे कार्य में लगे होते हैं, जो हमारी पूरी मानसिक क्षमता का उपयोग नहीं करता, जैसे कि नहाना या चलते रहना, तब हमारा दिमाग अपने आप नई और रचनात्मक सोच की दिशा में बढ़ता है। इसका कारण यह है कि इस दौरान दिमाग को किसी प्रकार के मानसिक दबाव या सोचने की ज़रूरत नहीं होती। हम न सिर्फ शारीरिक रूप से सक्रिय होते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी हमारी सोच खुल जाती है। जब हम ऐसे हल्के कार्यों में लगे होते हैं, तब दिमाग का ध्यान पूरी तरह से उन कार्यों पर केंद्रित नहीं होता, बल्कि वह अन्य विचारों को भी स्वीकार करने में सक्षम होता है। शॉवर में इस तरह का मानसिक आराम और शारीरिक समन्वय की कम आवश्यकता दिमाग को रचनात्मक रूप से काम करने के लिए प्रेरित करती है। इस दौरान हमारे दिमाग में जो विचार उत्पन्न होते हैं, वे अक्सर बहुत ही नए और उपयोगी होते हैं। इसके अलावा, वैज्ञानिकों का मानना है कि जब हम शारीरिक रूप से सक्रिय होते हैं, जैसे कि एक्सरसाइज, शॉवर या गाने सुनते समय, हमारे शरीर में डोपामाइन नामक रसायन का स्राव होता है, जो हमारी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाता है। यह रसायन हमारी रचनात्मक सोच को बढ़ाता है और इसलिए हमें शॉवर के दौरान अद्भुत विचारों का अनुभव होता है। सुदामा/ईएमएस 09 जनवरी 2025